देहरादून में पुलिस विभाग दुवारा आयोजित ‘साइबर क्राइम-करंट सिनेरियो, डिटेक्शन एन्ड इन्वेस्टीगेशन टेकनीक्स’ विषय पर पांच दिवसीय राज्यस्तरीय वर्कशॉप का उद्धाटन डीजीपी अनिल के0 रतूड़ी दुवारा किया गया। इस दौरान उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि आधुनिक युग में डिजीटाइजेशन ने जहां एक ओर हमें अनेक डिजीटल प्लेटफार्म उपलब्ध कराकर हमें अनेक सुविधाये कराई हैं वहीं दूसरी ओर डिजीटल धोखाधड़ी ने पुलिस के काम को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा अपने विवेचकों को साइबर क्राइम से सम्बन्धित मामलों की सुनियोजित विवेचना करने, डिजीटल साक्ष्यों को एकत्रित करने तथा दोषियों को गिरफ्तार कर दण्डित कराने हेतु इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है । उन्होंने प्रतिभागियों से इस कार्यशाला से अपनी Knowledge, Skill व Attitude में गुणात्मक सुधार लाने की अपील की, उन्होने कहा कि साइबर अपराध विशेष रूप से बैकिंग फ्राड का आम जनता में गहरा प्रभाव पड़ता है तथा उनमें असुरक्षा की भावना जागृत होती है।
इससे पूर्व श्री अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड ने कहा की साइबर क्राइम आज अत्यन्त फ़ास्ट ग्रोविंग अपराध है, इस कार्यशाला के माध्यम से हमारा प्रयास विवेचकों को इन अपराधों के त्वरित अनावरण करने में सक्षम बनाने का है। इस कार्यशाला में पुलिस के विवेचकों विशेष रूप से 1998 के उपरान्त पुलिस सेवा में आने वालों को सम्मिलित किया गया है। इसको प्रभावी बनाने हेतु कार्यशाला की रूपरेखा इस प्रकार तैयार की गई है जिससे प्रतियोगीयों को साइबर आपराधों के सम्बन्ध में अधिकाधिक जानकारी प्राप्त हो सके।
श्री दीपम सेठ, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था/एस0टी0एफ0 द्वारा अपने सम्बोधन में आयोजित कार्यशाला के लक्ष्य में प्रकाश डालते हुये बताया गया कि डिजीटल क्रांति के परिणामस्वरुप राज्य के मैदानी क्षेत्रों के साथ-साथ सीमान्त एवं पर्वतीय क्षेत्र भीOnline Platforms के माध्यम से एक दूसरे से Connect हो चुके है। ऐसे परिदृश्य में एक सफल और दक्ष पुलिस अधिकारी को Traditional Crimes के साथ-साथ Cyber Crimes की Handling में भी निपुण होना पड़ेगा। उन्होने बताया कि इस कार्यशाला में ATM एवं Bankसम्बन्धी Frauds, Social Media Crimes, CDR विशलेषण, IT Act के प्रविधानों की जानकारी तथा Digital साक्ष्य संकलन जैसे विषय सम्मलित किये गये है जिन्हे Case Studies और Group Discussions के माध्यम से प्रस्तुत किया जायेगा।
श्रीमती रिधिम अग्रवाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,एस0टी0एफ0 द्वारा अपने स्वागत भाषण में बताया गया कि वर्तमान समय में साईबर अपराधों की विवेचना को अधिक प्रासंगिक बनाये जाने व विवेचनाधिकारियों/जांच अधिकारियों को जनता के हित में कार्य करने में आयोजित की जा रही कार्यशाला अत्यन्त महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। इस सम्बन्ध में श्रीमती रिधिम अग्रवाल कार्यशाला को सफल बनाने एवं अग्रिम पांच दिवसों में प्रशिक्षणार्थियों को प्रदान की जाने वाले प्रशिक्षण के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण दिया गया।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक द्वारा एस0टी0एफ0/साईबर थाना द्वारा प्रकाशित Cyber Crime: Emerging Trends and Current Scenarioपत्रिका एवं पॉकेट बुक का विमोचन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान श्री राम सिंह मीणा, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन, श्री दीपम सेठ, पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यव्यस्था, श्री ए0पी0अंशुमन पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना/सुरक्षा, श्री जी0एस0 मार्तोलिया पुलिस महानिरीक्षक मुख्यालय सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री अजय सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ द्वारा किया गया।