
उत्तराखंड के गवर्नर डॉ। केके पॉल ने आज कहा कि गंगा केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में लोगों की धार्मिक आस्था और धार्मिक भावनाओं का प्रतीक है। आज गंगा नदी को भावनात्मक लगाव की जरूरत है स्कूल स्तर पर बच्चों को गंगा को साफ रखने की आवश्यकता के बारे में पता होना चाहिए। शिक्षकों को पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए छात्रों को प्रेरित करना चाहिए।
कल, ऋषिकेश में गंगा को शुद्ध रखने के लिए चुनौतियों और समाधानों के बारे में एक बैठक में वह बोल रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि देश की नदी व्यवस्था दुनिया के सबसे बड़ी नदी व्यवस्थाओ में से एक थी। उन्होंने कहा, “यहां सैकड़ों छोटी और बड़ी नदियां हैं जिनके हिमालय में अपने स्रोत हैं और वह उत्तराखंड से गुजरती हैं।” यह नदियाँ हमारे राज्य के साथ-साथ पूरे देश के सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अलकनंदा, भागीरथी, मंदाकिनी, भिलंगाना, सोंग, काली, रामगंगा, टोंस और सरयू जैसे नदियों द्वारा को उत्तराखंड को प्रचुर मात्रा में पानी मिलता है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल, स्वामी चिदानंद सरस्वती और कई पर्यावरण विशेषज्ञ सहित एफआरआई निदेशक डॉ सविता उपस्थित थे।