उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने उत्तराखंड की भयावह स्वास्थ्य स्थिति के बारे में बताया कि केवल 64 दंत चिकित्सक ही हिमालयी राज्य की पूरी आबादी को पूरा कर रहे हैं, यहाँ आपको यह भी बता दे की उत्तर भारत में तम्बाकू का सबसे बड़ा उपभोक्ता होने का गौरव भी उत्तराखंड को प्राप्त है।
राज्य में दंत चिकित्सक की कमी का नतीजा यहाँ है की राज्य में मौखिक कैंसर के रोगियों में खतरनाक वृद्धि हो रही है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, तंबाकू की खपत मौखिक कैंसर के मुख्य कारणों में से एक है, और दंत चिकित्सा सुविधाओं की कमी ने स्थिति बिगाड़ दी है।
मौखिक कैंसर का प्रारंभिक स्थिति में पता लगाना मुश्किल है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूत दंत चिकित्सा के बुनियादी ढांचे के साथ, मुंह कैंसर की संभावना कम की जा सकती है।
उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को कुल 133 दंत चिकित्सकों की स्वीकृत के मुकाबले अभी भी 52% पद खाली है।
मात्र 64 दंत चिकित्सक राज्य में काम कर रहे हैं, उत्तराखंड की आबादी 10,116,752 है।