विजन 2020 न्यूज: उत्तराखंड के मेलाघाट खातिमा नामक एक छोटे-से गांव में प्रतिवर्ष इन दो पुराने वृक्षों की शादी करने पर मेला लगता है। बताया जाता है कि कई साल पहले बरगद के वृक्ष की एक शाखा पीपल के वृक्ष से लिपट गई। गांव वालों ने इस घटना को अंधविश्वास का रूप देते हुए, इन दोनों वृक्षों को पिछले जन्म के बिछड़े हुए प्रेमी-प्रेमिका मान लिया। बस, तभी धूम-धाम से इनका विवाह करवाया गया। स्थानीय लोगों का मानना है कि ये विवाह संपन्न करवाने से उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है। ये दोनों वृक्ष पूरे गांव की रक्षा करते हैं और गांव को दैवी आपदाओं से बचाते हैं। इस अनोखे विवाह को पूरा गांव वैदिक कर्मकाण्डों के अनुसार करवाता है। इस विवाह के दौरान पीपल के वृक्ष को दूल्हा और बरगद को दुल्हन माना जाता है। विवाह के दौरान इन दोनों वृक्षों को सफेद वस्त्रों से लपेटकर सजाया जाता है।