धार्मिक मान्यताओ के अनुसार कालाष्टमी के दिन भैरव और दुर्गा पूजन किया जाता है। ज्योतिष की मानें तो कालाष्टमी के दिन कुत्ते को भोजन करवाना बहुत ही शुभ माना जाता है।
बुधवार को पड़ने वाली कालाष्टमी के दिन देवी दुर्गा के सुनंदा और भैरव के त्रयंबक रूप की पूजा का विधान है। विधि के अनुसार त्रयंबक भैरव की पूजा हरे मूंग और मिश्री से की जाती है। इस दिन त्रयंबक भैरव के पूजन से व्यक्ति को जीवन के सभी कष्टों और रोगों से मुक्ति मिलती है। साथ ही शत्रुओं पर भी विजय भी मिलती है।
पूजा करने की विधि : हरे रंग के वस्त्र बिछाकर उसपर भैरव की प्रतिमा को रखें । इसके बाद नारियल के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं और मेहन्दी से तिलक करें। इसके बाद पीले फूल, बेलपत्र और रोटी पर मूंग और मिश्री रखकर भैरव की मूर्ती को भोग लगायें। किसी भी माला से नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें और बाद में भैरव को चढ़ाई गयी रोटी किसी कुत्ते को खिला दें।
मंत्र : त्रीं त्रिलोचनाय भैरवाय नमः।।
करें यह उपाय:
- रोगों से मुक्ति पाने के लिए भैरव जी पर चढ़ाई गयी 6 मौसमी किसी कन्या को दान कर देनी चाहिए।
- विवादों में जीत पाने के लिए भैरव जी पर चढ़ाया गया अंगूर किसी वृद्ध महिला को खिलाना चाहिए ।
- शत्रुता खत्म करने के लिए भैरव जी को चढ़ाई गयी 6 जलेबी किसी कुत्ते को खिलाने से दुश्मनी कतम हो जाती है.