नई दिल्ली : पहले से तनावपूर्ण चल रहे भारत-पाक संबंधों के बीच पाकिस्तान ने एक और तिलमिलाया कदम उठाया है. पाकिस्तान ने नई दिल्ली स्थित अपने उच्चायोग के छह कर्मचारियों को वापस बुला लिया. कुछ दिनों पहले ही कथित जासूसी को लेकर पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी महमूद अख्तर को भारत ने देश से बाहर निकाल दिया था.
भारत छोड़ने वाले राजनयिकों के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है. लेकिन, पाकिस्तान उच्चायोग के सूत्रों के अनुसार मिशन के छह अधिकारी जा चुके हैं. पाकिस्तानी उच्चायोग के सूत्रों अनुसार भारत छोड़ चुके अधिकारियों में वाणिज्यिक दूत सैयद फर्रख हबीब और प्रथम सचिव खादिम हुसैन, मुदस्सर चीमा तथा शाहिद इकबाल शामिल हैं.
अख्तर ने इन अधिकारियों के नाम जासूसी प्रकरण में पूछताछ के दौरान बताये थे. सूत्रों ने आरोप लगाया, ‘इस खराब माहौल में अधिकारियों के लिए काम करना नामुमकिन होने के बाद फैसला लिया गया.’ उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार हमारे राजनयिकों को धमका रही है और ब्लैकमेल कर रही है. इसलिए इस स्थिति में हमारे लिए इस देश में रहना और काम करना मुश्किल है.’
कुछ दिन पहले ही भारत ने पाकिस्तान के अधिकारी महमूद अख्तर को जासूसी गतिविधियों को लेकर अवांछनीय घोषित किया था. जिस पर जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान ने भी भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी को निकाल दिया.
इससे पहले इस्लामाबाद से आ रहीं खबरों में कहा गया था कि पाकिस्तान भारतीय उच्चायोग के कम से कम दो अधिकारियों को विध्वंसक गतिविधियों में उनकी कथित संलिप्तता के लिए देश छोड़ने को कह सकता है. जियो टीवी की खबर के अनुसार वाणिज्य मामलों के अधिकारी राजेश अग्निहोत्री और प्रेस मामलों के अधिकारी बलबीर सिंह को निष्कासित किया जा सकता है.
चैनल ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि अग्निहोत्री सीधे रॉ से जुड़े हुए हैं जबकि सिंह गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने पाकिस्तान में अपने पदों का कथित इस्तेमाल अपनी मूल पहचान छिपाने के लिए किया. इसमें दावा किया गया कि सिंह पाकिस्तान में आतंकियों के एक नेटवर्क का भी संचालन कर रहे हैं और भारतीय उच्चायोग के निष्कासित अधिकारी सुरगीत सिंह भी इस नेटवर्क का हिस्सा थे.