नोटबैन पर देश से हर तरीके की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ फैसले से खुश है पर नए नोट ना मिलने से परेशान भी है। आलम ये है कि नोट की तंगी से निपटने के लिए लोग आधी रात से ही एटीएम और बैंकों के बाहर कतार में खड़े है।ऐसे में समस्या से निपटने के लिए लोग प्लास्टिक मनी के जरिए अब घर चला रहे है।
नोटबंदी के चलते जनता त्रस्त है। ऐसे में लोगों के लिए प्लास्टिक मनी यानी डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड सहारा बना हुआ है। बड़ी दुकाने और मॉल में लोग कार्ड स्वैप करके सामान खरीद ले रहे है। लोगों का मानना है कि एटीएम पर पैसे निकालने के लिए लंबी लंबी लाइनें लगी हुई है। ऐसे में ऑफिस के चलते कतारों में खड़ा रहना संभव नही है। इसलिए केडिट कार्ड,डेबिट कार्ड के जरिए ही रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा किया जा रहा है।
बड़े शहरों में तो इस सुविधा से लागों को कुछ हद तक राहत मिली है पर छोटों शहरों और कस्बों में आम आदमी की मुसीबते बढ़ा दी है। न तो उनके पास इतने पैसे है कि रोज का खर्चा निकल पाए। पुराने नोट बंद हो गए है। और जो घर में जमा किए 500 और हजार के नोट है उन्हें बदलने के लिए बैंक के पास उतना धन नही है। ऐसे में लोग आधी रात को ही लाइनों में लग कर पैसे पाने की उम्मीद लिए खड़े है। ताकि उनके नंबर आने तक बैंक में पैसा खत्म न हो। और उन्हें भी नए नोट मिल सके।