सावन के पहले सोमवार पर मंदिरों में उमड़ी श्रधालुओं की भीड़।

उधम सिंह नगर/काशीपुर – श्रावण मास शुरू होते ही देश और प्रदेश के अन्य स्थानों के साथ-साथ काशीपुर तथा आसपास के विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो चुका है। आज सावन के पहले सोमवार पर काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्र में से मंदिरों में शिव की पूजा करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस मौके पर काशीपुर के मोटेश्वर महादेव, बांसियो वाला मंदिर, नागनाथ मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में सुबह से ही शिव भक्तों की पूजा अर्चना के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।

देवभूमि उत्तराखंड में सावन के पहले सोमवार पर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर शिवभक्तों की भक्ति देखने को मिली। प्रदेश के विभिन्न स्थानों के साथ साथ काशीपुर में भी शिवभक्तों ने शिवालयों में जाकर पूजा अर्चना की। काशीपुर में भीम शंकर मोटेश्वर महादेव मन्दिर, बाँसियोंवाला मन्दिर, नागनाथ मन्दिर, गंगेबाबा मन्दिर समेत नगर के विभिन्न शिवालयों पर भक्तों की भारी भीड़ पूजा करने के लिए उमड पड़ी।

काशीपुर के नागनाथ मंदिर, बाँसियोंवाला मंदिर और मोटेश्वर महादेव मंदिर, मोहल्ला लाहौरियान स्थित शिव मंदिर पर सुबह से ही आरती और पूजा करने के लिए हाथों में पूजा का सामान बेलपत्र, गंगाजल, दूध तथा धतूरा आदि अन्य पूजा का सामान लिए शिव भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं। इस दौरान शिवभक्तों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि बीते 2 वर्षों से कोरोना वैश्विक महामारी के चलते सरकार द्वारा जारी कोविड-19 की गाइडलाइन सावन के महीने में वह मंदिर में आकर पूजा नहीं कर पाए थे।

इस बार मंदिर में आकर पूजा करने से उन्हें बड़ी शांति की अनुभूति हो रही है। सुबह से ही मन्दिरों में हर हर महादेव जयकारों के साथ घण्टों आदि की आवाज गुंजायमान रही। शिव भक्त सावन के पहले सोमवार के दिन भगवान की पुजा अर्चना कर रहे हैं ताकि भगवान भोले नाथ को प्रसन्न कर सके। आज के दिन शिव को मनाने के लिए उनके भक्त बेल पत्र, धतूरा, भाँग, मदार के फूल का चढावा चढाते हैं।

शिव भक्तों का कहना है कि भगवान शिव का यह सब पसन्दीदा चढावा है। इसको चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न हो उठते हैं। शिव की आराधना से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। इस पूरे महीने में शिव भक्तों का मन्दिर में पुरा मेला लगा रहता है।

वही जसपुर खुर्द स्थित वासियों वाला मंदिर के पुजारी पंडित विकास शर्मा ने सावन के सोमवार ओं का महत्व बताते हुए इसकी पौराणिक मान्यता भी बताई। इस दौरान उन्होंने कहा कि सुबह 4:00 बजे से ही सेवक मंदिर में पहुंचना शुरू हो गए थे तथा भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में खड़े हो गए थे। भक्तों में इस बार भगवान भोलेनाथ की पूजा करने के लिए काफी उत्साह देखा जा रहा है।

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