रुद्रप्रयाग/चोपता – आज सुबह 11 बजे शुभ मुहूर्त पर प्रतिष्ठित तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस अवसर पर “जय बाबा तुंगनाथ” के उद्घोष के साथ उत्सव डोली पहले पड़ाव चोपता की ओर रवाना हुई।
Tungnath Mahadev Temple closed for winters
मंदिर समिति और स्थानीय भक्तों ने इस विशेष अवसर पर विश्व के सबसे ऊंचे शिव मंदिर की परिक्रमा की। ढोल-दमाऊं के वाद्य यंत्रों की गूंज में, अखोड़ी और हुडु गांव के हक-हकूकधारियों ने भगवान तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली के साथ चोपता के लिए प्रस्थान किया।
चल विग्रह डोली मक्कुमठ पहुंचने की तैयारी
भगवान तुंगनाथ जी की चल विग्रह मूर्ति आज चोपता में विश्राम करेगी। इसके बाद, 5 और 6 नवंबर को यह डोली दूसरे पड़ाव भुलकण में प्रवास करेगी। अंततः, 7 नवंबर को ढोल-दमाऊं और अन्य वाद्य यंत्रों के साथ भगवान तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली को मक्कुमठ स्थित गद्दीस्थल श्री मर्कटेश्वर मंदिर में शीतकालीन निवास के लिए विराजमान किया जाएगा।
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