2030 तक भारतीय जीडीपी में एक लाख करोड़ डॉलर जोड़ेंगी नई यूनिकॉर्न कंपनियां, रोजगार के नए अवसर भी मुहैया कराएंगी।

नई दिल्ली – नई यूनिकॉर्न कंपनियां 2030 तक भारतीय जीडीपी में एक लाख करोड़ डॉलर जोड़ेंगी। साथ ही, पांच करोड़ रोजगार के नए अवसर भी मुहैया कराएंगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में कहा, 2029-30 तक अर्थव्यवस्था के 7 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने और उसमें यूनिकॉर्न कंपनियों का योगदान एक लाख करोड़ डॉलर होने की कल्पना की गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, खुदरा, ई-कॉमर्स, अगली पीढ़ी की वित्तीय सेवाएं, विनिर्माण और सॉफ्टवेयर सेवा एवं डिजिटल जैसे क्षेत्र आने वाले वर्षों में बड़े पैमाने पर वृद्धि को गति देने के लिए तैयार हैं। सीआईआई के अध्यक्ष आर दिनेश ने कहा, स्टार्टअप तंत्र नवाचार, जुझारू क्षमता व परिवर्तनकारी विचारों के धागों से बुना एक जीवंत चित्र है। यह रिपोर्ट मैकिंजी एंड कंपनी के सहयोग से तैयार की गई है।

100 यूनिकॉन एक उल्लेखनीय उपलब्धि
देश में पहली बार किसी प्रौद्योगिकी आधारित कंपनी को यूनिकॉर्न का दर्जा 2011 में मिला था। एक दशक में ही भारत ने 100 यूनिकॉर्न का आंकड़ा पार कर लिया है। जनवरी, 2024 तक मौजूद 113 यूनिकॉर्न कंपनियों का संयुक्त मूल्यांकन 350 अरब डॉलर है। सीआईआई ने कहा, 100 से अधिक यूनिकॉर्न का उदय एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here