हरिद्वार – सावन का पहला सोमवार यानि शिव की भक्ति से सबसे अच्छा दिन। मान्यता है कि शिव को सोमवार का दिन सबसे ज्यादा प्रिय होता है। इसलिए इस दिन शिव की भक्ति और उनका जलाभिषेक करने पर शिव की कृपा अपार मिलती है। माना जाता है कि शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल कनखल में ही निवास कर यही से सृष्टि का संचालन और लोगो का कल्याण करते है।
हरिद्वार के शिव मंदिरों में भोले शिव का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है क्योंकि करोना कॉल के 2 वर्ष बाद पहला सावन का सोमवार पड़ रहा है। वहीं पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा कड़े प्रबंध किए हुए हैं।
दक्ष प्रजापति मंदिर के मुख्य पुजारी का कहना है कि सावन का महीना भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता है और कनखल दक्ष प्रजापति महादेव की ससुराल है और दुनिया में सबसे पहला भगवान शिव का मंदिर है।
भगवान शिव ने राजा दक्ष को वचन दिया था कि सावन के एक महीने वह यहीं पर वास करेंगे इसलिए भगवान शिव सावन का एक महीने दक्ष प्रजापति में ही वास करते हैं। सावन का पहला सोमवार है। सावन का प्राम्भ है उससे पहले विशेष आरती इसलिए की जाती है, भगवान शिव के आगमन का स्वागत किया जाता है कि भगवान शिव अपने ससुराल में एक महीने के लिए विराजमान हो गए हैं क्योंकि सावन के महीने में ही भगवान शिव की जटा से गंगा अवतरित हुई थी। इसलिए सावन के महीने में गंगा जल दूध दही शहद भूरा गन्ने के रस और भांग धतूरे से भगवान शिव की पूजा की जाती है। भक्तों की दक्ष प्रजापति मंदिर में सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है क्योंकि भगवान शिव सावन के महीने में यहीं विराजमान रहते हैं। सावन मास में इस वर्ष सावन के पहले सोमवार को भी भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए भारी भीड़ लगी हुई है।
शिव अब एक महीने तक दक्ष प्रजापति से ही सृष्टि का संचालन दक्ष प्रजापति मंदिर से ही करेगे क्योंकि मान्यता है कि भगवान शिव सावन के एक महीना दक्ष महादेव मंदिर में ही निवास करते हैं और यहीं से सृष्टि का संचालन करते हैं। इसलिए पहले सोमवार के दिन दक्ष प्रजापति मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की कतारें लगी रहती है।