भले ही उत्तराखंड मे नगर निगमों के चुनाव में करीब पांच महीने का समय बचा हुआ है। लेकिन भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में दावेदारों की लम्बी-चौड़ी लिस्ट तैयार है। वंही प्रदेश के सबसे बड़े देहरादून नगर निगम की बात की जाए तो मेयर की कुर्सी के लिए भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता अपनी अपनी दावेदारी पेश कर रहे है। भाजपा के मौजूदा मेयर विनोद चमोली विधायक बन चुके है, ऐसे में उनकी कुर्सी संभालने के लिए दोनों ही पार्टियों के कई नेताओ के नामो की चर्चा हो रही है।
भाजपा में अभी से हलचल शुरू
अगर बात की जाए तो भाजपा में अंदरखाने मेयर टिकट के लिए अभी से हलचल शुरू हो गई है। भाजपा में मेयर टिकट के लिए सुनील उनियाल गामा की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है, सुनील गामा सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबी होने के चलते कॉन्फिडेंट नजर आ रहे है। सुनील गामा लगातार कार्यकर्ताओ के साथ बैठकों और सामाजिक कार्यकमों के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे है। गामा की साफ सुधरी छवि, लोकप्रियता और संगठन में मजबूत पकड़ की वजह से उन्हें भाजपा से मेयर टिकट का प्रबल दावेदार बताया जा रहा है। वंही भाजपा नेता उमेश अग्रवाल भी पिछली बार धर्मपुर विधानसभा का टिकट ना मिलने का हवाला देकर इस बार मेयर के टिकट की उम्मीदे पाले हुए है। इसके आलावा भाजपा में अंदरखाने जिन नामो की सुगबुगाहट है, उनमे पुनीत मित्तल, अनिल गोयल, महिला नेता नीलम सहगल, विनोद उनियाल के नाम शामिल है।
कांग्रेस में मेयर टिकट के दावेदार
भाजपा की तरह कांग्रेस में भी मेयर टिकट के लिए कई दिग्गज नेता अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे है। तीन बार मंत्री रहे दिनेश अग्रवाल, पूर्व विधायक राजकुमार, पिछली बार कांग्रेस के टिकट से देहरादून मेयर का चुनाव लड़ चुके सूर्यकान्त धस्माना का नाम चर्चाओं में है। गौरतलब है कि तीनो ही नेता पिछला विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके है और हाल फ़िलहाल नगर निगम की समस्याओ को जोरशोर से उठा रहे है। इसके आलावा पूर्व मेयर की बहु आशा मनोरमा डोबरियाल, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रहे अशोक वर्मा, महानगर अध्यक्ष पृथ्वीराज चौहान, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा का नाम भी मेयर टिकट के लिए ताल ठोक सकते है।
अब आने वाला वक्त ही बताएगा की भाजपा हो या कांग्रेस इनमे से किस नेता पर पार्टी विश्वास जताकर देहरादून नगर निगम के चुनाव मैदान में मेयर पद का उम्मीदवार बनाएगी।