देहरादून: अगले शैक्षणिक सत्र से विश्वविद्यालयों और संबद्ध शैक्षणिक संस्थानों के स्नातक पाठ्यक्रमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों के तहत, तीन साल के डिग्री कोर्स को अब चार साल में पूरा किया जाएगा। यह बदलाव नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत किए गए हैं और इससे छात्रों को कई नए विकल्प और अवसर मिलेंगे। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने बताया कि इस बदलाव के बाद बीए, बीसीए और बीकॉम जैसे स्नातक पाठ्यक्रम में चार साल का कोर्स होगा। छात्रों को चौथे साल में “बीसीए ऑनर्स” और “बीसीए ऑनर्स विद रिसर्च” जैसे विकल्प मिलेंगे, साथ ही उन्हें विशेष ट्रेनिंग का भी अवसर मिलेगा।
उन्होंने बताया कि एक साल की पढ़ाई के बाद छात्रों को सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा, और तीन साल के बाद डिग्री मिलेगी। वहीं, चौथे साल की पढ़ाई पूरी करने पर छात्रों को “बीए, बीसीए और बीकॉम विद रिसर्च” की डिग्री दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, एक साल की और पढ़ाई करने पर छात्रों को पीजी डिग्री भी मिल सकेगी।
प्रो. जोशी ने कहा, “इस बदलाव का उद्देश्य विद्यार्थियों को तेजी से उभरते नए क्षेत्रों में खुद को प्रशिक्षित करने का मौका देना है। इस दौरान छात्र एआई, मशीन लर्निंग, डाटा साइंस जैसी तकनीकी क्षेत्रों की गहरी समझ हासिल कर सकेंगे।”
इस बदलाव के साथ-साथ, छात्रों को इलेक्टिव कोर्स के रूप में डाटा एनालिटिक्स, डाटा विजुअलाइजेशन, मशीन लर्निंग, बिग डाटा एनालिसिस, बिजनेस इंटेलिजेंस, डाटा माइनिंग, डाटा सिक्योरिटी, न्यूट्रल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, डीप लर्निंग फॉर कम्प्यूटर विज़न, स्पीच रिकॉग्निशन जैसे विषयों की पढ़ाई करने का भी मौका मिलेगा। इसके अलावा, कोर्स के दौरान छात्रों के लिए समर इंटर्नशिप भी अनिवार्य होगी, जिससे उन्हें व्यावसायिक अनुभव प्राप्त हो सकेगा।