नई दिल्ली – वायदा एवं विकल्प यानी एफएंडओ में सट्टा कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए बाजार नियामक सेबी ने नियम कड़े कर दिए हैं। न्यूनतम अनुबंध आकार को बढ़ा दिया गया है। ऑप्शन प्रीमियम के अपफ्रंट को अनिवार्य बना दिया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी ने मंगलवार को जारी सर्कुलर में कहा, पोजीशन लिमिट्स की इंट्रा-डे निगरानी, साप्ताहिक सूचकांक डेरिवेटिव का युक्तिकरण और टेल जोखिम कवरेज में वृद्धि भी लागू होगी। निवेशकों की सुरक्षा और बाजार की स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से ये उपाय 20 नवंबर से चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे। इंडेक्स डेरिवेटिव के लिए न्यूनतम अनुबंध आकार अब 15-20 लाख रुपये होगा। पहले यह को 5-10 लाख रुपये था। इसका उद्देश्य बाजार की वृद्धि के साथ बेहतर तालमेल बिठाना था। लॉट का आकार इस तरह से तय किया जाएगा कि समीक्षा के दिन डेरिवेटिव का अनुबंध मूल्य 15 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच हो।
पूरे प्रीमियम का करना होगा भुगतान
एक्सचेंज केवल एक बेंचमार्क सूचकांक के लिए साप्ताहिक समाप्ति डेरिवेटिव की पेशकश कर सकते हैं। ऑप्शन खरीदारों को अत्यधिक उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए पूरा प्रीमियम का भुगतान करना होगा।
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