नई दिल्ली: इस बार की महाशिवरात्रि 24 फरवरी को है। इस दिन भगवान शिव की उनके उपासक और भक्त धूमधाम से पूजा-अर्चना करते हैं। भगवान शंकर को बैरागी कहा गया है इसलिए उन्हें आम जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली चीजें नहीं चढ़ाई जाती हैं। भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए उन्हें भांग-धतूरा, दूध,बेलपत्र, चंदन, और भस्म चढ़ाते हैं। लेकिन कुछ चीजें ऐसी भी होती है जिन्हें भगवान शंकर के शिवलिंग पर भूलकर भी नहीं चढ़ानी चाहिए।
लेकिन शिवपुराण के अनुसार शिव जी के भक्तों को शिवलिंग पर कभी भी इन पांच वस्तुओं को नहीं चढ़ानी चाहिए। भगवान शिव को तुलसी अर्पित न करें क्योंकि पुराणों में तुलसी को साक्षात लक्ष्मी माना गया है। देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं इसलिए भगवान विष्णु और उनके अवतारों के अतिरिक्त ये दूसरे किसी देवी-देवता को नहीं चढ़ाई जाती। शिवलिंग पर कभी भी कुमकुम, केतकी के फूल, हल्दी और नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए। पौराणिक शास्त्रों के मुताबिक इन चीजों को चढ़ाने से पुण्य नहीं बल्कि पाप लगता है। इसलिए भूलकर भी इन चीजों को भगवान शंकर या उनकी शिवलिंग को महाशिवरात्रि ही नहीं बल्कि कभी भी अर्पित नहीं करना चाहिए।
शिव पूजन में बिल्वपत्र का प्रथम एवं विशेष स्थान है। शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करते समय ध्यान रखें की वो कटे-फटे और कीड़ों के खाए हुए नहीं हों। शिवलिंग पर दूध, दही तथा पंचामृत चढ़ाते समय कभी भी कांसे के बर्तन प्रयोग में नहीं लाएं। शिव पुराण में कहा गया है कि शिवलिंग की परिक्रमा के दौरान आधी परिक्रमा करें फिर वापस लौट कर दूसरी परिक्रमा करें। चारों ओर घूमकर परिक्रमा करने से दोष लगता है। शिवलिंग की हमेशा आधी परिक्रमा होती है पूरी परिक्रमा नहीं की जाती है