पिछले दो हफ्तों से बिहार की सियासत में उथल पुथल चल रहा है। आप को बता दे, तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर गरमाया सियासी हाई वोल्टेज ड्रामा, जिसमे एकाएक जदयू नेता नीतीश कुमार ने इस्तीफा का दांव चलकर बिहार की सियासी बिसात को हिलाकर रख दिया है। सूत्रों की माने तो खुद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भी इसकी कभी कल्पना नहीं की होगी , देखा जाए तो मीडिया के गलियारों में काफी लम्बे समय से इस विषय में चर्चा चल रही थी। वहीँ नितीश कुमार को “हाईजैक” विमान का पायलट भी कहा जा रहा था। सबसे बड़ी चर्चा का विषय यह है , कि आखिर नीतीश ने इस्तीफा क्यों दिया? चाहते तो तेजस्वी यादव को बर्खास्त कर ऐसे स्थिति में भी महागठबंधन को टूटने से रोक सकते थे।
इस पुरे घटनाक्रम से जहाँ विपक्षी एकता को बड़ा धक्का लगा है। वहीँ अब नितीश कुमार का बीजेपी के साथ गठबंधन से, बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है। नितीश के द्वारा उठाये इस कदम ने ,सपा, बसपा जैसे दलों को एक साथ लाने की कांग्रेस की कोशिशों में पानी फेर दिया है। वहीँ 2019 को होने वाले आगामी चुनाव के लिहाज से, नीतीश के एनडीए में आने से, बिहार में बनने जा रहे नए जातीय समीकरण का लाभ बीजेपी को मिलने की कयास लगाई जा रही है।