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निक्की-जैसी’ वारदात फिर! महाराष्ट्र में पत्नी की जिंदा जलाकर हत्या, बेटी ने खोली पोल l

महाराष्ट्र, नवी मुंबई (उरण)। उत्तर प्रदेश के नोएडा में हाल ही में पत्नी को जलाकर मारने की घटना के बाद अब महाराष्ट्र के नवी मुंबई के उरण क्षेत्र से एक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 35 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी पत्नी को शक के चलते जिंदा जला डाला। दर्दनाक बात यह है कि आरोपी ने अपनी 7 साल की बेटी के सामने यह जघन्य वारदात अंजाम दी, और फिर पुलिस को गुमराह करने के लिए आत्महत्या की झूठी कहानी गढ़ दी।

पहले हाथ-पांव बांधे, फिर केरोसिन डालकर लगा दी आग

घटना 25 अगस्त की सुबह उरण के पगोटेगांव में हुई। आरोपी राजकुमार रामशिरोमणि साहू को अपनी पत्नी जगरानी साहू पर विवाहेतर संबंध होने का संदेह था। पुलिस जांच में सामने आया कि राजकुमार ने जगरानी को पहले कमरे में बंद किया, फिर उसके हाथ-पांव बांध दिए और केरोसिन डालकर आग के हवाले कर दिया।

महिला को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना के अगले ही दिन पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

गढ़ी आत्महत्या की कहानी, लेकिन बच्ची ने खोल दी सच्चाई

वारदात के बाद आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। उसने दावा किया कि उसकी पत्नी ने खुद को आग लगाई और वह उस समय घर पर मौजूद नहीं था। पुलिस ने शुरुआत में इसे आकस्मिक मौत मानते हुए केस दर्ज किया।

लेकिन वरिष्ठ निरीक्षक हनीफ मुलानी के अनुसार, जब गहनता से जांच की गई, तो आरोपी की कहानी में विसंगतियां पाई गईं।

सबसे चौंकाने वाला मोड़ तब आया, जब पुलिस ने सात साल की मासूम बेटी से पूछताछ की। उसने साफ कहा, “पापा ने मम्मी को आग लगाई।” यही नहीं, सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपी को घटना के बाद घर से भागते देखा गया।

हत्या का मामला दर्ज, जांच जारी

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, फॉरेंसिक जांच, और बेटी के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

वरिष्ठ निरीक्षक हनीफ मुलानी ने कहा यह स्पष्ट रूप से घरेलू हिंसा और बर्बरता का मामला है। आरोपी ने सोच-समझकर हत्या की और पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। आगे की जांच जारी है।”

बच्ची की बहादुरी बनी अहम गवाही

इस घटना में जहां एक तरफ महिला की दर्दनाक मौत ने सबको झकझोर दिया, वहीं मासूम बेटी की बहादुरी ने इंसाफ की राह खोली। उसने सच बोलने की हिम्मत दिखाई, जो इस केस का सबसे बड़ा मोड़ साबित हुआ।

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