गुवाहाटी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब से एक साल के भीतर असम में नौ किलोमीटर लम्बे भारत के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन करना है । इस सप्ताह मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने उन्हें आमंत्रित भी किया हैं । बीजेपी ने पिछले वर्ष कांग्रेस से असम चुनाव जीता है, आठ पूर्वोत्तर राज्यों में असम भारतीय जनता पार्टी द्वारा नियंत्रित होने वाला पहला राज्य है.
निर्माण के अंतिम चरण में स्थित पुल के बारे में जानिए यह 10 महत्वपूर्ण बातें :
- ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी लोहित नदी पर ढोल-सादी पुल का निर्माण किया जा रहा है।
- असम में, पुल राजधानी गुवाहाटी से 540 किलोमीटर दूर सदिया में स्थित है। इसका दूसरा छोर, अरुणाचल की राजधानी इटानगर से 300 किलोमीटर दूर अढोला में है।
- यह नौ किलोमीटर से अधिक लंबा है – जो मुंबई में प्रसिद्ध बांद्रा-वरली सीलिंक से लगभग 30 प्रतिशत लंबा है।
- एक बार खोला जाने पर, पुल असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच चार घंटे तक यात्रा के समय को कम कर देगा। अरुणाचल में कोई ऑपरेटिंग हवाई अड्डा नहीं है.
- निर्माण 2011 में शुरू हुआ, जब असम में कांग्रेस का शासन था, परियोजना की लागत करीब 950 करोड़ है।
- अब तक, असम और अरुणाचल के बीच थोड़ा सड़क संपर्क है। वर्तमान में, असम के इस हिस्से से अरुणाचल तक यात्रा करने वाले लोगों का एकमात्र जरिया नांव ही होता है।
- सेना के लिए इसका रणनीतिक महत्व बहुत बड़ा है। पुल के साथ, सेना अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करने में सक्षम हो सकती है ।
- इस पुल को टैंक के आवागमन को ध्यान में रख कर डिज़ाइन किया गया है।
- इस क्षेत्र में कोई ऐसा मौजूदा पुल नहीं है जो कि तनसुकिया जाने के लिए टैंकों की यात्रा के लिए मजबूत है, जहां से सेना आमतौर पर अरुणाचल में प्रवेश करती है।
- सीमा सेक्टर में सड़क संपर्क बढ़ाने के लिए इस पुल का निर्माण 2015 में केन्द्र द्वारा 15,000 करोड़ रुपये के पैकेज में शामिल किया गया था।