पणजी: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गोवा में आरएसएस के बागी नेता सुभाष वेलिंगकर द्वारा एक नया राजनीतिक संगठन शुरू किए जाने के मुद्दे को आज तवज्जो नहीं दी। गोवा में वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री पर्रिकर ने कहा, ‘बहुत से दल हैं। ‘आप’ है। कोई भी दल बना सकता है। यह लोकतंत्र है।’ उन्होंने गोवा की आरएसएस इकाई में चल रहे घटनाक्रम पर टिप्पणियां करने से इनकार कर दिया लेकिन इतना जरूर कहा कि वह एक अनुशासित स्वयंसेवक हैं।
गोवा में आरएसएस के भीतर चल रहे विवाद की पृष्ठभूमि में पर्रिकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैं एक स्वयंसेवक हूं। मैं आरएसएस का अनुसरण करता हूं। आरएसएस का अनुसरण करने के लिए आपको शाखा जाना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए सबसे अहम पहलू अनुशासन है। मैंने अनुशासन का पालन किया है और इसका पालन जारी रखूंगा। यदि आप आरएसएस पर कोई टिप्पणी चाहते हैं तो आपको आरएसएस से संपर्क करना होगा।’ पर्रिकर ने ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर भाजपा की ओर से आयोजित एक स्वास्थ्य शिविर से इतर संवाददाताओं से कहीं। आरएसएस ने हाल ही में वेलिंगकर को गोवा विभाग संघ चालक के पद से हटाया है। वेलिंगकर अब एक अलग संगठन आरएसएस गोवा प्रांत बना चुके हैं।
वेलिंगकर ने यह घोषणा की थी कि भारतीय भाषा सुरक्षा मंच (बीबीएसएम) दो अक्तूबर को एक राजनीतिक दल बनाएगा। वेलिंगकर भारतीय भाषा सुरक्षा मंच के समन्वयक हैं। वेलिंगकर की अध्यक्षता वाला बीबीएसएम राज्य की प्रारंभिक शिक्षा में क्षेत्रीय भाषाओं को पठन-पाठन का माध्यम बनाने की मांग को लेकर आंदोलन करता रहा है।
इस मुद्दे पर वेलिंगकर लक्ष्मीकांत पारसेकर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के साथ आमने-सामने की स्थिति में आ गए हैं। उनके संगठन के सदस्यों ने पार्टी प्रमुख अमित शाह की हालिया गोवा यात्रा के दौरान उन्हें काले झंडे भी दिखाए थे। वेलिंगकर ने हाल ही में कहा था कि तटीय राज्य की ‘संघ इकाई’ कम से कम विधानसभा चुनावों तक ‘स्वतंत्र’ रूप से काम करेगी। हालांकि आरएसएस ने जल्द ही उनकी बात खारिज करते हुए कहा कि उसकी कोई भी इकाई खुद को संगठन से अलग नहीं कर सकती। इसके साथ ही आरएसएस ने गोवा में लक्ष्मण बेहरे को नया संघ प्रमुख बना दिया।