
भारतीय वायुसेना ने मिग-21 को दी विदाई, छह दशकों की सेवा का हुआ अंत
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना ने अपने पहले सुपरसोनिक लड़ाकू विमान मिग-21 को सेवा से हटाने की तैयारी शुरू कर दी है। 26 सितंबर को इसे आधिकारिक रूप से चरणबद्ध तरीके से रिटायर किया जाएगा। करीब 60 वर्षों तक भारत की वायु शक्ति की रीढ़ रहा मिग-21 अब तेजस एलसीए मार्क 1ए जैसे स्वदेशी विमानों के लिए रास्ता बनाएगा।
1963 में शामिल हुआ मिग-21 कई युद्धों में अहम भूमिका निभा चुका है, खासकर 1971 के भारत-पाक युद्ध में, जब इसने ढाका स्थित राज्यपाल के आवास पर हमला किया था। इसके बाद पाकिस्तान को आत्मसमर्पण करना पड़ा। मिग-21 ने न सिर्फ दुश्मन के F-104 और F-16 जैसे विमानों को मात दी, बल्कि कारगिल युद्ध में भी इसका शानदार प्रदर्शन रहा।
‘फर्स्ट सुपरसोनिक्स’ नाम से मशहूर इसकी पहली स्क्वाड्रन ने भारतीय लड़ाकू पायलटों की कई पीढ़ियों को प्रशिक्षित किया। इस विमान ने स्वदेशी एयरोस्पेस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
भारतीय वायुसेना ने इसे “राष्ट्र के गौरव को आसमान तक पहुंचाने वाला युद्धक घोड़ा” करार देते हुए एक भावुक श्रद्धांजलि दी है।