कोलकाता: डॉक्टर्स का कहना है कि व्यक्ति को दिन में पांच ग्राम नमक से ज़्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर वह इससे ज़्यादा नमक का सेवन करता है, तो वह कई बीमारियों के साथ वॉटर रिटेंशन का भी शिकार हो सकता है। भारत में लोग औसतन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की प्रतिदिन पांच ग्राम नमक की संस्तुति का दोगुना नमक खाते हैं।
जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के आंकड़ों के मुताबिक देश भर के 2.27 लाख लोग नमक का औसत से ज़्यादा सेवन करते हैं। आंकड़ें बताते हैं कि नमक खाने की अधिकतम सीमा पांच ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन से बहुत अधिक है। संस्थान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 19 वर्ष से अधिक उम्र के औसत भारतीय प्रतिदिन 10.98 ग्राम नमक खाते हैं। यह अध्ययन रिपोर्ट जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन में प्रकाशित हुआ है। मेटा एनालिसिस अध्ययन में कहा गया है कि दक्षिणी और पूर्वी राज्यों में नमक की खपत अधिक है। मेटा एनालिसिस मात्रा मापने वाला सांख्यिकीय विश्लेषण है।
इससे पता चला कि त्रिपुरा नमक खाने के मामले में प्रतिदिन 14 ग्राम के प्रति व्यक्ति के साथ शीर्ष पर है। शहरी और ग्रामीण इलाके में नमक खाने के मामले में कोई अंतर नहीं है। डब्ल्यूएचओ वर्ष 2025 तक नमक की खाने में 30 प्रतिशत की कटौती करने का प्रयास कर रहा है। अधिक नमक खाने से हृदय रोग और उच्च रक्तचाप का शिकार होने की आशंका रहती है।