सहकारिता एवं चीनी क्षेत्र से संबंधित योजनाओं के लिए केंद्र से 2600 करोड़ मंजूर

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में मंगलवार को केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह से भेंट की। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने उत्तराखण्ड सरकार के लिए सहकारिता एवं चीनी क्षेत्र से संबंधित योजनाओं हेतु 2600 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। इसमें से 200 करोड़ रुपये चीनी मिलों के पुनर्गठन के लिए मंजूर किये गये है। इसके साथ ही केन्द्रीय कृषि मंत्री द्वारा उत्तराखण्ड को जैविक राज्य के रूप में विकसित किए जाने की योजना के अंतर्गत, आने वाले 3 वर्षों के लिए रूपए 1500 करोड़ भी स्वीकृत किए गए।

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य द्वारा वर्ष 201718 में आवंटित बजट के सापेक्ष व्यय की गति संतोषजनक रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी हो, इसके लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। उत्तराखण्ड राज्य द्वारा इस दिशा में सराहनीय कदम उठाये जा रहे है। जैविक खेती की दिशा में भी राज्य सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। राज्य सरकार को केन्द्र द्वारा हर संभव सहयोग प्रदान किया जायेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भेंट के दौरान केन्द्रीय कृषि मंत्री से राज्यहित से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री रावत ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में खेती के परम्परागत तरीकों के साथ आधुनिक तकनीक के प्रयोग कर कृषकों की आय को दो गुना किया जा सकेगा। सहकारिता क्षेत्र से संबंधित 2600 करोड़ रुपये तथा आॅर्गेनिक स्टेट हेतु 1500 करोड़ रूपए के प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान करने पर केन्द्रीय मंत्री का मुख्यमंत्री द्वारा आभार व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावों पर मंजूरी मिलने से राज्य में सहकारिता क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।

ज्ञातव्य हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केदारनाथ दौरे के समय उत्तराखण्ड को जैविक राज्य बनाने के विषय में की गयी घोषणा को मूर्तरूप देने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं कृषि मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा उसी समय से प्रयास प्रारम्भ कर दिए गए। सभी सम्बन्धित अधिकारियों को क्षेत्र में कार्य करने के निर्देश दे दिए गए। परम्परागत कृषि योजना के अंतर्गत जैविक कृषि हेतु भारत सरकार को भेजी गयी 10000 अतिरिक्त क्लस्टरों की मांग को केन्द्रीय मंत्री श्री राधा मोहन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी। इसके साथ ही प्रदेश की कृषि क्षेत्र में मानव श्रम एवं पशुओं की समस्या को दूर करने तथा कृषि को तकनीक से जोड़ने के लिए अतिरिक्त फार्म मशीनरी बैंकों की मांग को भी स्वीकृति प्रदान की गयी।

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