क्या यह वही दून है, जो कभी रिटायर्ड लोगों का शहर माना जाता था। यहां का सुकूनदायक माहौल और स्वच्छ आबोहवा रिटायरमेंट के बाद जिंदगी की दूसरी पारी को नई गति देती थी। शहरीकरण की अंधी दौड़ में हम दून के उस सुकून को बेहद पीछे छोड़ आए हैं, जो शहर कभी स्वच्छ आबोहवा के लिए जाना जाता था। उसकी गिनती आज देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में होने लगी है। जानकारी बेहद हैरानी वाली है कि वायु प्रदूषण में दून का नाम देश के 273 शहरों में 5-वे सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में शामिल हो चुका है।…..
कभी शांत और सुरम्य वादियों के लिए जाने जाना देहरादुन शहर प्रदूषण की भयानक मार से जूझ रहा है आलम ये हो चला है कि देहरादून शहर सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 5 नंबर पर आ गया है…. अंतर्राष्ट्रीय संगठन ग्रीनपीस इंडिया की ओर से जारी एक वार्षिक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है की देहरादुन शहर में प्रदूषण का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है जो कि एक भयानक चिंता का विषय है लेकिन मौजूदा दौर में शहरों में बढ़ते कारखानों और गाड़ियों के धुएं से राहत मिल पाना मुश्किल लग रहा है ऐसे में हमे कोई ठोस उपाय जल्द ही निकालना चाहिए, जिससे हम आने वाले समय मे इस चीज से बच पाएं वही पूरे मामले पर पर्यावरणविद भी सामने आने लगे है
मशहूर पर्यावरणविद औऱ पद्मश्री अनिल जोशी का कहना है कि हम सभी को जल्द से जल्द पर्यावरण के प्रति जागरूक होना होगा, साथ ही पर्यावरण बचाने के लिए काम करना होगा, वरऩा गंभीर परिणाम इसके भूगतने होंगे सरकार को चाहिए कि कमजोर नीतियों को बदलकर पर्यावरण के अनुकुल बनाई जाए….साथ ही विकास के लिए एक पैमाना पर्यावरण को भी बनाया जाना चाहिए…..आपको बता दें कि देहरादून में प्रदूषण का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है..जनसंख्या के दबाव के साथ ही गाड़ियों की बढ़ती संख्या और तेजी से पेड़ों के होते कटान से ऐसी नौबत आ रही है