शीतकाल के लिए बंद हो गए बद्रीनाथ धाम के कपाट, जय बदरी विशाल के उद्घोष से गूंज उठा धाम।

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चमोली/बद्रीनाथ – बद्रीनाथ धाम के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। कपाट बंद होने के दिन 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बद्री विशाल के दर्शन किए। बद्रीनाथ की कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चार धाम यात्रा का भी समापन हो गया है।

कपाट बंद होने से पहले मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को भगवान बद्रीविशाल के धाम के गर्भ ग्रह में प्रतिस्थापित किया। इसके बाद पुजारी उद्धव जी वह कुबेर जी को मंदिर प्रांगण में ले गए। दोपहर 3:33 पर भगवान बद्रीनाथ के कपाट बंद कर दिए गए।

बता दे की भगवान बद्री विशाल के कपाट शीतकाल के लिए श्रद्धालुओं के लिए आज दोपहर 3:30 पर बंद कर दिए गए हैं। शुक्रवार को धाम में दोपहर करीब 10 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। बद्रीनाथ धाम को 15 क्विंटल फूलों से भव्य रूप में सजाया गया।

इस साल 18,36,519 से अधिक श्रद्धालुओं होने भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किए। वहीं 14 नवंबर से बद्रीनाथ धाम में चल रही पांच पूजाओं में पहले दिन धाम में स्थित गणेश मंदिर, दूसरे दिन केदारेश्वर व आदि शंकराचार्य मंदिर और तीसरे दिन खड़क पूजा हुई। इस मौके पर पुजारी ने माता लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें कढ़ाई भोग अर्पित किया। इसके साथ ही इस साल की चार धाम यात्रा का समापन हो गया है।

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