उत्तराखंड़ कांग्रेस में गुटबाजी बरकार!

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देहरादून:  यूपी के पीआरओ और उत्तराखंड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने एक बार फिर से अपने बयान के चलते कांग्रेस के अंदर चल रहे गुटबाजी की तरफ इशारा किया है। किशोर का कहना है कि जीन लोगों ने सरकार का उस वक्त साथ दिया जब कांग्रेस छोड़कर लोग भाजपा में भाग रहे थे।
वैसे तो सूबे में कांग्रेस के अंदर गुटबाजी की बात कोई नई बात नहीं है गुटबाजी के चलते कांग्रेस के विधायक मंत्री कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ हो लिये। 2017 विधान सभा चुनाव मे करारी हार के बाद कांग्रेस ने किशोर उपाध्याय को हटाकर चकराता विधायक प्रीतम सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। किशोर उपाध्याय प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये जाने के बाद अक्सर उनके मन की टीस बयानों के माध्यम से दिखाई दे जाती है। किशोर उपाध्याय ने इस बार बिना नाम लिये पीसीसी के अध्यक्ष के उपर आरोप लगाते हुए कहा कि जो लोग कांग्रेस के बुरे वक्त पर साथी रहे हैं आज उन्हें पीसीसी में  जगह तक नहीं दी जा रही है। इसके साथ ही किशोर उपाध्याय ने कहा कि संगठन में सामाजिक संतुलन बहुत जरूरी है।
किशोर के बयान पर पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस में सब चुनावी प्रक्रिया के तहत चुनकर आये हैं , इसमे किसी को बोलने का अधिकार नहीं है।
राज्य बनने के बाद कांग्रेस के अंदर गुटबाजी हमेशा देखने को मिली है। चाहे वह हरीश रावत और एनडी तिवारी का दौर रहा हो या फिर विजय बहुगुणा और हरीश रावत। गुटबाजी के चलते ही कांग्रेस के दिग्गज नेता सतपाल महाराज से लेकर कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे विजय बहुगुणा और 40 सालो से कांग्रेस के साथी रहे काबीना मंत्री और पूर्व प्रदेेश अध्यक्ष यशपाल आर्य कांग्रेस का साथ छोड़ चुके हैं । गुटबाजी के चलते 18 मार्च 16 की घटना शायद ही कोई भूल सके। जिस तरह से सूबे में कांग्रेस की चाल में नेता प्रतिपक्ष , प्रदेश अध्यक्ष , हरीश रावत और किशोर उपाध्याय दिखाई दे रहे हैं उससे यही लगता है कि कांग्रेस मे गुटबाजी की रार बरकार है।

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