आज के दौर में हर दुसरा युवा मुर्गी के गोश्त का शौकीन है, क्योंकि यह बकरे के मांस से काफी सस्ता और खाने में नरम होता है। लेकिन अमेरिका में होने वाली एक चिकित्सा अध्ययन में सामने आया है कि यह संभवित रूप से मूत्र नली में सूजन का खतरा बढ़ा सकता है।
अमेरिका शोध के दौरान लोगों के पेशाब के नमूनों और मुर्गी के मांस का विश्लेषण किया गया। परिणामों में सामने आया कि चिकन में ई-कोलाई नामक वैक्टरीया की ऐसी तीन प्रकार हो सकती है जो कि पेशाब की नली में सूजन की बीमारी का कारण बनती है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक परिणाम से अंदाजा मिलता है कि चिकन खाने से भी पेशाब की नली में इंफेक्शन हो सकता है और चिकन इस बीमारी के लिए एक बड़ा श्रोत है। हालांकि, उनका कहना था कि इस पर अधिक शोध की आवश्यकता है, ताकि इसे आधिकारिक तौर पर प्रमाणित किया जा सके कि यह मांस रोगों को न्यौता देता है।
वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि ई-कोलाई बैक्टीरिया की खतरनाक किस्म किस तरह पेशाब की नली में पहूंचता है, लेकिन यह माना जाता था कि मुर्गी का मांस इसका बड़ा कारण बनता है। इस नए अध्ययन की समीक्षा इससे संबंधित एक हजार रोगियों में किया गया और दुकानों से मांस के नमूने हासिल किये गये।
परिणाम से पता चला कि मांस के कई नमूने ई-कोलाई के पाए गए और यह भी मालूम हुआ कि मुर्गी के कच्चे मांस को ठीक से नहीं पकाया गया तो यह विभिन्न जगहांे को रोगाणुओं से दूषित कर देता है। शोधकर्ता का कहना था कि वह इसके संबंध में अभी और रिसर्च के बाद कोई बात प्रमाणित रूप से कह सकेंगे।