हम सभी की बचपन से ही ये आदत होती है कि हम अपने बिस्तर ऐसे ही छोड़ कर चले जाते है। हम अपना चादर, कंबल आदि फोल्ड़ करके नहीं रखते है। जिसके कारण कभी-कभी घरवालों से डांट भी खा जाते थे। इसका कारण आलस्य है। हमें ये काम बहुत ही बड़ा लगता है। फिर बाद में मां या और कोई आकर उसे सहीं करती है।
रिसर्चर डॉ स्टीफन ने मुताबिक, बिस्तर ठीक से रखने पर जो धूल के कण उड़ते हैं, वो अस्थमा पीड़ितों के लिए और ऐसे लोगों के लिए हानिकारक होते हैं, जिन्हें एलर्जी है। एक बिस्तर में औसतन 1.5 मिलियन धूल के कण होते हैं। इनसे सांस की बीमारी या एलर्जी से जूझ रहे लोगों को नुकसान हो सकता है।
एलर्जी और अस्थमा वालों के लिए खतरनाक
इस रिसर्च में ये बात सामने आई कि जिन घरों में लोग उठने के बाद अपना बिस्तर अच्छे से लगाते हैं, उनमें ज़्यादा धूल के कण होते हैं। धूल के कणों में जब धूप और हवा मिल जाती है जो यह हमारे लिए हानिकारक होते है। नमी के बिना ये कण मर जाते है।
इसलिए अगर आपको एलर्जी या अस्थमा है, तो अपना बिस्तर उठने के बाद ऐसा ही छोड़ दें। जिससे कि आपकी लाइफ में किसी भी प्रकार का असर न पड़े। प्रेटलव के अनुसार, ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस लगभग 700 मिलियन ऐसी बीमारियों के इलाज पर खर्च करती है, जो कि डस्ट माइट्स के कारण होती हैं।