प्रदेश में भले ही सीएम त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल को 6 महीने ही पुरे होने वाले हो… लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने लगभगइन 6 महीनो में व्यवस्थाओ का कीर्तिमान बनाया है सीएम के कड़े फैसलों से जंहा विरोधियो को कुछ बोलने का मौका नहीं मिल रहा है तो वंही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के काम करने के तरीके से उनकी की पार्टी के कुछ नेता परेशान है क्योकि जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही त्रिवेंद्र सरकार का स्लोगन ‘खाऊंगा ना खाने दूंगा’ से कुछ नेताओ की दुकानदारी चल नहीं पा रही है…
सरकार के दामन पर नहीं है कोई दाग
दरसल सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत राष्टीय स्वंयसेवक से जुड़े होने के कारण जमीनी स्तर के नेता माने जाते है और सरकार के दामन पर कोई दाग नहीं लगा है क्योकि सीएम त्रिवेंद्र चाहते है कि उनके अधिकारी हो या उनके मंत्री,विधायक और पार्टी के नेता अपनी जिम्मेवारी से जवाबदेही तक जमीनी स्तर पर काम करे ताकि आम जनता को इसका फायदा मिले।सीएम त्रिवेंद्र के ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल पर लगाम लगाने के निर्देश से ही कुछ नेताओ की बेचैनी बढ़ा चुके है तो वंही उन्होंने ‘सेन्टर फॉर गुड़ गवर्नेस’ गठित कर जनता को यह सन्देश देने की कोशिश की है कि उनकी सरकार भष्ट्राचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगी।
सरकार को फेल करने की हो रही है साजिश
राजनितिक जानकारों के मुताबिक पार्टी में नेताओ की गुटबाजी चरम पर है.. चाहे वह हरिद्धार प्रकरण की बात करे जिसमे पार्टी के ही कुछ दिग्गज नेताओ के समर्थक सडको में आपस में भिड़ गए। इन घटनाओ को लेकर विरोधियो को सरकार को घेरने का मौका जरूर मिल गया था..तो वंही देहरादून में बीजेपी मेयर जोकि पार्टी के विधायक भी है इनके और डीएम के बीच झड़प वाले मामले में पार्टी को राष्टीय स्तर पर बदनामी झेलने पड़ी..दरसल शराब की दुकान बंद कराने की मांग को लेकर मेयर डीएम से मिलने गए थे लेकिन डीएम के न मिलने पर मेयर साहब का पारा सातवे आसमान पर पहुँच गया और मेयर की बोखलाट इस कदर थी कि जनता और मिडिया कर्मियों के बीच सीएम से फोन पर झल्लाहट निकालते नजर आए…तो वंही कुमाऊं के एक भाजपा नेता दुवारा अपनी जान को खतरा बताते हुए सीएम के खासमखास अधिकारी को निशाना बनाया गया। चर्चा तो यंहा तक हो रही है कि त्रिवेंद्र सरकार की बढ़ती लोकप्रयिता से उन्ही की पार्टी के कुछ दिग्गज नेताओ की बेचैनी बढ़ी हुई है ऐसा लग रहा है कि सीएम त्रिवेंद्र सरकार के नेतृत्व में जो अधिकारी अच्छा काम कर रहे है उन अधिकारियो को सोशल मिडिया हो या कुछ मिडिया के विशेष लोगो के सहारे निशाना बनाकर सरकार को फेल साबित करने की कोशिश हो रही है…
भीतर घात से रहे सावधान
दरसल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला और 57 सीटों के साथ जनता ने कांग्रेस को मात्र 11 सीटों पर ही समेट दिया। आज प्रचंड बहुमत के साथ त्रिवेंद्र सिंह रावत सत्ता के शिखर पर बैठकर स्वास्थ,शिक्षा,सड़क,ऊर्जा,राजस्व में बढ़ोत्तरी से लेकर बेरोजगारी दूर करने और पलायन पर रोक लगाने का भरसक प्रयास कर रहे है यही नहीं प्रदेश में डबल इंजन की सरकार होने के नाते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई केंद्रीय मंत्रियो से मुलाकात कर प्रदेश के विकास को गति देने का प्रयास कर रहे है ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को प्रदेश के विकास के साथ उन्ही की पार्टी में चल रहे भीतर-घात से बचने के लिए विरोधियो से भी सावधान रहने की जरुरत है।
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