गर्मी के बढ़ते तेवरों के साथ ही बिजली की खपत ने भी पकड़ी रफ्तार , 4.2 करोड़ यूनिट पहुंची मांग….

देहरादून : प्रदेश में जैसे-जैसे पारा चढ़ रहा है, वैसे-वैसे बिजली की खपत ने भी रफ्तार पकड़ ली है। बीते पांच दिनों में बिजली की मांग में तेज उछाल देखने को मिला है। जहां 30 और 31 मार्च को यह मांग करीब 3.7 करोड़ यूनिट थी, वहीं अब यह आंकड़ा बढ़कर 4.2 करोड़ यूनिट तक पहुंच चुका है। यूपीसीएल को मांग पूरी करने के लिए बाजार से अतिरिक्त बिजली खरीदनी पड़ रही है।

गौरतलब है कि पिछले साल राज्य में बिजली की अधिकतम मांग 6.5 करोड़ यूनिट तक पहुंची थी। इस साल अप्रैल की शुरुआत से ही तापमान के साथ-साथ बिजली की जरूरतें भी तेजी से बढ़ रही हैं। ट्रेंड पर नजर डालें तो एक अप्रैल को मांग 3.6 करोड़ यूनिट रही, दो अप्रैल को यह 3.8 करोड़ यूनिट पर पहुंची, तीन अप्रैल को चार करोड़ यूनिट दर्ज हुई और अब चार अप्रैल को 4.2 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई है।

इस बार कम हुई बर्फबारी का असर राज्य के जलविद्युत उत्पादन पर भी साफ दिख रहा है। यूजेवीएनएल का उत्पादन पिछले साल अप्रैल में जहां करीब 1.6 करोड़ यूनिट था, वहीं इस साल यह घटकर 1 करोड़ से 1.2 करोड़ यूनिट के बीच सिमट गया है। मौजूदा हालात में यूपीसीएल के पास राज्य, केंद्र और अन्य स्रोतों से कुल 3.4 करोड़ यूनिट बिजली ही उपलब्ध है। ऐसे में, रोजाना करीब 80 से 85 लाख यूनिट बिजली बाजार से खरीदनी पड़ रही है।

बाजार की बिजली भी यूपीसीएल के लिए सस्ती नहीं रह गई है। सामान्य दिनों में जहां बिजली का भाव 2.69 रुपये प्रति यूनिट होता है, वहीं पीक डिमांड के दौरान यह दर 10 रुपये प्रति यूनिट तक जा पहुंची है। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, वैसे-वैसे बिजली की मांग में और इजाफा होने की संभावना है। इसके चलते यूपीसीएल को बाजार से महंगी बिजली खरीदने पर भारी भरकम खर्च करना पड़ सकता है।

 

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