उत्तर प्रदेश के 4 प्रमुख एक्सप्रेसवे- यमुना एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर ये फास्टैग एनुअल पास नहीं चलेगा।
शुक्रवार, 15 अगस्त से पूरे देश में ‘फास्टैग एनुअल पास’ लागू कर दिया गया है। अब अपनी गाड़ी के लिए यह पास एक्टिव करने के लिए वाहन मालिकों को 3000 रुपये का एकमुश्त भुगतान करना होगा। यह पास एक साल या 200 ट्रिप्स तक मान्य रहेगा। फिलहाल यह सुविधा सिर्फ नॉन-कमर्शियल वाहनों जैसे प्राइवेट कार, जीप और वैन के लिए ही उपलब्ध है।
लॉन्चिंग के पहले ही दिन शाम 4:30 बजे तक इसका जबरदस्त रिस्पॉन्स देखने को मिला। आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 1.2 लाख यूजर्स ने FASTag Annual Pass खरीदा, और करीब 1.24 लाख ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए।
यूपी के इन 4 एक्सप्रेसवे पर नहीं होगा लागू
हालांकि, यह एनुअल पास उत्तर प्रदेश के चार प्रमुख एक्सप्रेसवे पर लागू नहीं होगा। इनमें शामिल हैं –
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यमुना एक्सप्रेसवे (ग्रेटर नोएडा से आगरा)
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पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (लखनऊ से गाजीपुर)
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बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (इटावा से चित्रकूट)
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आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (आगरा से लखनऊ)
दरअसल, इन चारों एक्सप्रेसवे का संचालन राज्य सरकार के अधीन होता है और ये स्टेट हाईवे की श्रेणी में आते हैं। जबकि फास्टैग एनुअल पास केवल केंद्र सरकार के अधीन आने वाले नेशनल हाईवे पर ही मान्य है। ऐसे में यूपी के इन एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने पर टोल की राशि आपके साधारण FASTag खाते से ही कटेगी।
फास्टैग में बनेंगे दो खाते
एनुअल पास एक्टिव होने के बाद वाहन मालिकों के FASTag में दो खाते बन जाएंगे –
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Annual Pass Account – जिसका इस्तेमाल सिर्फ नेशनल हाईवे पर होगा।
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Normal FASTag Account – जिसका उपयोग स्टेट हाईवे और उन सड़कों पर होगा, जहाँ एनुअल पास मान्य नहीं है।
अर्थात, यदि आपकी गाड़ी एनएच से गुजरेगी तो टोल की राशि एनुअल पास खाते से कटेगी। वहीं, स्टेट हाईवे पर गुजरने पर पैसा आपके साधारण फास्टैग खाते से ही कटेगा।