UPI New Rules: UPI यूज़र्स ध्यान दें! 1 अगस्त से लागू होंगे नए नियम, जानिए पूरी डिटेल

UPI New Rules: आज के दौर में छोटी से लेकर बड़ी हर लेनदेन के लिए लोग यूपीआई (Unified Payment Interface) का इस्तेमाल करते हैं। यह सिर्फ एक भुगतान प्रणाली नहीं, बल्कि हमारी रोजमर्रा की जरूरत बन चुकी है। अब 1 अगस्त से यूपीआई से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव होने जा रहा है। ये बदलाव हर तरह की यूपीआई लेनदेन-चाहे छोटी हो या बड़ी-पर सीधा असर डाल सकते हैं।

यूपीआई (Unified Payment Interface) ने डिजिटल लेनदेन को बेहद आसान और सुविधाजनक बना दिया है। अब आप कहीं भी बैठे कुछ ही मिनटों में किसी को भी पेमेंट कर सकते हैं—वो भी बिना कैश के। यूपीआई आज सिर्फ एक भुगतान माध्यम नहीं, बल्कि हमारी रोजमर्रा की जरूरत बन चुका है।

अब 1 अगस्त से यूपीआई से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। ये नए नियम हर यूजर को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए इनका जानना बेहद जरूरी है।

आइए, जानते हैं कि क्या-क्या बदलने वाला है:

🔹 1. बैलेंस चेक पर लिमिट

अब तक यूजर्स अनगिनत बार अपने बैंक खाते का बैलेंस चेक कर सकते थे।
लेकिन 1 अगस्त से एक यूजर एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेगा।

🔸 यह सीमा सर्वर पर अनावश्यक दबाव को कम करने के उद्देश्य से तय की गई है।

🔹 2. एक ऐप से बैंक डिटेल चेक करने की सीमा

एक ही यूपीआई ऐप से अब यूजर दिन में सिर्फ 25 बार अपने बैंक खाते की डिटेल्स देख सकेंगे।

🔹 3. ऑटोपे केवल तय समय पर

ऑटोपे सर्विस का इस्तेमाल अब केवल तीन निश्चित समय खंडों में ही किया जा सकेगा:

  • सुबह 10 बजे से पहले

  • दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक

🔸 इससे भुगतान प्रक्रिया को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकेगा।

🔹 4. पेमेंट स्टेटस चेक करने की सीमा

अब आप किसी पेमेंट का स्टेटस एक दिन में अधिकतम 3 बार ही देख पाएंगे।
इसके अलावा, दो बार चेक करने के बीच कम से कम 90 सेकंड का अंतर अनिवार्य होगा।

🔹 5. पेमेंट रिवर्सल (चार्जबैक) की सीमा

अब एक यूजर 30 दिनों में अधिकतम 10 बार ही चार्जबैक का अनुरोध कर सकता है।
साथ ही, किसी एक व्यक्ति या एंटिटी से सिर्फ 5 बार ही रिवर्सल की मांग की जा सकेगी।

निष्कर्ष

1 अगस्त से लागू हो रहे ये नए नियम यूपीआई सिस्टम को अधिक सुरक्षित, तेज और प्रभावी बनाने के लिए लाए जा रहे हैं।
अगर आप यूपीआई का नियमित उपयोग करते हैं, तो इन बदलावों को समझना और इनका पालन करना जरूरी है।

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