लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हृदयनारायण दीक्षित को आज विधानसभा का अध्यक्ष निर्विरोध चुन लिया गया. विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि दीक्षित को 17वीं विधानसभा में सदन का नया अध्यक्ष निर्विरोध चुन लिया गया है. उनके खिलाफ किसी अन्य ने नामांकन नहीं किया था. दीक्षित माता प्रसाद पाण्डेय का स्थान लेंगे.

5वीं बार विधायक चुने गये हैं हृदयनारायण दीक्षित

दीक्षित ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिये कल सात सेट में नामांकन दाखिल किया था. इनमें एसपी, बीएसपी और कांग्रेस के विधायकों ने भी बतौर प्रस्तावक हस्ताक्षर किये थे. अनेक पुस्तकों के लेखक वरिष्ठ स्तम्भकार दीक्षित पांचवीं बार विधायक चुने गये हैं. वह प्रदेश के पंचायती राज तथा संसदीय कार्य मंत्री रह चुके हैं. वह विधान परिषद में बीजेपी के नेता भी थे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीक्षित को बधाई देते हुए सदन में उनका स्वागत किया और उन्होंने उम्मीद जतायी कि उनके मार्गदर्शन में विधानसभा की कार्यवाही सुचार रूप से चलेगी. उन्होंने कहा, ‘‘आपका संसदीय ज्ञान, धर्म और दर्शन के प्रति आपकी रचि, विभिन्न मुद्दों पर आपने समाज का मार्गदर्शन किया. इससे निश्चित ही यह सदन गौरवान्वित होगा. आपकी दो दर्जन से ज्यादा पुस्तकें छपी हैं. सार्वजनिक जीवन में लेखन का कार्य अत्यन्त दुरूह हो जाता है, लेकिन इसके बावजूद आपकी रचनात्मकता अनुकरणीय है. सदन गौरवपूर्ण तरीके से आपको अध्यक्ष के रूप में पाकर सम्मानित महसूस कर रहा है.’’

सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष की भूमिका

योगी ने सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि चुनावी मंचों पर हम भले ही एक-दूसरे पर शब्दबाणों का इस्तेमाल करते हों लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष लोकतंत्र के महत्वपूर्ण स्तम्भ हैं, दोनों मिलकर कार्य कर सकें, इसके लिये जनता ने हमें चुना है. लोकतंत्र में कहीं भी यह ना लगे कि कहीं कोई भेदभाव हो रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त करता हूं कि यह सरकार आपके (दीक्षित) मार्गदर्शन में कहीं भी इस तरह की बातों को सामने नहीं आने देगी. हम लोकतंत्र की परम्पराओं को स्थापित करने के लिये पूरी मजबूती से काम करेंगे. हमें अपने विपक्षी वर्गो का भी भरपूर सहयोग चाहिये.’’

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