

उत्तराखंड राज्य गठन के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रदेशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी उपलक्ष्य में विधानसभा के विशेष सत्र का भी आयोजन किया गया। लेकिन इस सत्र में विधायकों के बीच ऐसे मुद्दों को लेकर बहस छिड़ी कि जनता भी हैरान है। जहां एक ओर सदन में पहाड़ बनाम मैदान को लेकर बहसबाजी देखने को मिली तो वहीं विधायकों के बयान से भी कई खुलासे हो रहे हैं।
विधायक निधि से 15% कमीशन काटने की बात से गरमाया माहौल
विधानसभा के विशेष सत्र में 3 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद विशेष सत्र में बारी-बारी से सभी विधायक अपने-अपने विषय रख रहे हैं। इसी बीच ठेकेदारी और कमीशनखोरी को लेकर सदन में बड़ी बहस देखने को मिली। खटीमा विधायक भुवन कापड़ी ने सदन के भीतर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि विधायक निधि से 15 फीसदी कमीशन काटी जा रही है। उनके इस बयान के बाद से ये विषय राजनितिक गलियारों में चर्चाओं का विषय बन गया है।

भुवन कापड़ी का कहना है कि 25 सालों में राज्य में भ्रष्टाचार भी जवान हो गया है। विधायक निधि से 15 फीसदी खुली कमीशन काटी जा रही है, जिसे सब जानते हैं। उनके इस बयान पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह का बयान भी सामने आया है। उनका कहना है कि अगर कोई विधायक इस तरीके के आरोप लगा रहा है तो इसकी जांच होनी चाहिए।
उमेश कुमार ने भी उठाया कमीशनखोरी का मुद्दा
सिर्फ भुवन कापड़ी ही नहीं कमीशनखोरी का मुद्दा खानरपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने भी उठाया है। उन्होंने विधायक निधि से 15 फीसदी कमीशन काटने का मुद्दा सदन में उठाते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला है। उनका कहना है कि सदन में इस पर आत्मचिंतन करना होगा।विधायक निधि में जाने वाला कमीशन कब खत्म होगा। ऐसे तो हम भी भ्रष्टाचार को जन्म दे रहे हैं। ऐसे सदन में भाषण देने से राज्य को नहीं सुधारा जा सकता।

वहीं कमीशनखोरी के आरोप पर सुबोध उनियाल का बयान भी सामने आया है। उनका कहना है कि वो साल 2002 से लगातार विधायक हैं और उनके सामने कभी ऐसी बात नहीं आई। उन्होंने कबा कि सदन के भीतर कुछ भी बोलने से पहले सोच समझ कर बोलना चाहिए। अब विधायक ने आरोप लगाया है तो फिर इसकी जांच जरूर की जाएगी।



