

आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को हर साल शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर खाने से कई प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही माना जाता है कि इस दिन खास उपाय करने से धन-वर्षा भी होती है। इस बार छह अक्टूबर यानी कि सोमवार को शरद पूर्णिमा मनाई जा रही है।
Sharad Purnima पर लक्ष्मी पूजन का है खास महत्व
शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन का खास महत्व है। आज के दिन को मां लक्ष्मी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्ति का त्यौहार माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी सबसे ज्यादा प्रसन्न मुद्रा में होती हैं और पूजा करने से प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सुखी और संपन्न रहने का आशीर्वाद देती हैं।
Sharad Purnima 2025 का शुभ मुहूर्त
शरद पूर्णिमा के त्यौहार को कोजागर पूजा के नाम से भी जाना जाता है। जिसके लिए इस बार शुभ मुहूर्त छह अक्टूबर को रात 11 बजकर 45 मिनट बजे से लेकर सात अक्टूबर को पूर्वाह्न 12 बजकर 34 मिनट बजे तक रहेगा। जबकि छह अक्टूबर को चंद्रोदय शाम को पांच बजकर 27 बजे होगा।
चंद्रमा की रोशनी में रखी खीर खाने से दूर होते हैं रोग
आज के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्त होकर धरती पर अमृत की वर्षा करता है। शरद पूर्णिमा के पौराणिक महत्व के मुताबिक इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बूंदें झरती हैं। कहा जाता है कि पूर्णिमा की रात में जिस भी चीज पर चंद्रमा की किरणें गिरती हैं उसमें अमृत का संचार होता है। इसलिए शरद पूर्णिमा की रात में खीर बनाई जाती है उसे पूरी रात चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है। अगली सुबह उठकर इस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस खीर को खाने से हर प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं।
इन उपायों को करने से होगी धनवर्षा
शरद पूर्णिमा के दिन खास उपाय करने से और राशि अनुसार मंत्रों का जप और भोग लगाने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन श्री सूक्त पाठ, कनक धारा स्त्रोत और श्री विष्णुसहस्त्रनाम पाठ करने से मां लक्ष्मी खुश होती हैं और धन समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।



