देहरादून – पिछले दिनों देहरादून में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश व विदेश के उद्यमियों को एक बड़ा संदेश दिया था कि जब जोड़े ऊपर वाला बनाता है तो क्यों ना उसी की धरती पर एक शादी की जाए।
इसको लेकर राज्य सरकार के साथ-साथ बीकेटीसी ने भी काम करना शुरू कर दिया है। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि, प्रदेश में जो ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मंदिर है उनके आधारभूत ढांचे को विकसित करने की कार्य करने शुरू कर दिए गए हैं। ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि पहले चरण में दो मंदिरों को विकसित किया जा रहा है। कहा कि ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर जहां शीतकाल में बाबा केदार की डोली अवस्थित होती है वहां पर भगवान श्री कृष्ण के पोते और दैत्यराज बाणासुर की सुपुत्री उषा का विवाह मंडप है जो अपने आप में एक यूनीक है। इसकी अवस्थापना विकास के लिए तीन चरणों में बीकेटीसी ने कार्य शुरू कर दिए हैं। पहले चरण का कार्य तेजी से प्रारंभ हो रहा है। जबकि द्वितीय चरण के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।
वहीं उन्होंने कहा है कि त्रिजुगी नारायण की भी पूरे विश्व में ख्याति है, लेकिन वहां पर मंदिर परिसर में इतनी जगह नहीं है। जिसके विकास, एक्सटेंशन व अन्य सुविधाओं को देने के लिए वहां पर आर्किटेक्ट सहित इंजीनियरिंग की टीम भेजी गई थी। जिन्होंने अपना प्रेजेंटेशन भी दे दिया है। अब उसके अवस्थाना विकास के लिए कार्य किया जाएगा।