केदारनाथ यात्रा में बीमार घोड़ा-खच्चरों के लिए क्वारंटीन सेंटर , कोटमा और फाटा में बनाई गई खास व्यवस्था….

देहरादून : केदारनाथ यात्रा 2025 की तैयारियों में इस बार पशुपालन विभाग ने एक नई और सख्त पहल की है। यात्रा के दौरान अगर कोई घोड़ा या खच्चर बीमार पाया गया, तो उसे तुरंत क्वारंटीन किया जाएगा। यह पहली बार है जब यात्रा मार्ग पर बीमार जानवरों को संक्रमण फैलने से रोकने के लिए अलग रखा जाएगा।

पशुपालन विभाग ने इसके लिए कालीमठ घाटी के कोटमा और केदारघाटी के फाटा में क्वारंटीन सेंटर की व्यवस्था की है। प्रत्येक सेंटर में 30-30 जानवरों को रखने की क्षमता होगी। इन दोनों जगहों पर विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की सात सदस्यीय टीम की तैनाती भी की गई है, जो बीमार जानवरों की निगरानी और इलाज की जिम्मेदारी संभालेगी।

हॉर्ष फ्लू और ग्लैंडर्स की रोकथाम

बीते माह बीरों, बष्टी, जलई, मनसूना और गौंडार गांव में कई घोड़ा-खच्चर हॉर्ष फ्लू (इक्वाइन इन्फ्लूएंजा) की चपेट में आ गए थे, जिससे गौंडार में तीन खच्चरों की मौत भी हुई थी। संक्रमण को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने पंजीकरण अस्थायी रूप से रोक दिया था। अब हालात सामान्य होने पर दोबारा पंजीकरण शुरू कर दिया गया है।

पंजीकरण के लिए सख्त जांच प्रक्रिया

केदारनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण शिविरों में पहुंचने वाले जानवरों की हॉर्ष फ्लू और ग्लैंडर्स जैसी बीमारियों की जांच की जा रही है। पशुपालन विभाग द्वारा खून के सैंपल लेकर जांच की जाती है, और केवल निगेटिव पाए गए जानवरों को ही यात्रा के लिए पंजीकृत किया जा रहा है।

2 मई से शुरू होगी यात्रा

2 मई 2025 से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा में इस बार स्वास्थ्य मानकों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। किसी भी बीमार जानवर को यात्रा मार्ग पर चलने की अनुमति नहीं होगी, और संक्रमण फैलने से रोकने के लिए तत्काल क्वारंटीन की व्यवस्था लागू की गई है।

पशुपालन विभाग देहरादून के अपर निदेशक डॉ. भूपेंद्र जंगपांगी ने बताया कि ज़रूरत पड़ने पर अन्य स्थानों पर भी किराये पर क्वारंटीन सेंटर की व्यवस्था की जाएगी।

 

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