रामबन में बादल फटा: 3 की मौत, 5 लापता; राहत-बचाव अभियान जारीरामबन / जम्मू / कटरा: जम्मू- कश्मीर का पहाड़ी इलाका एक बार फिर प्रकृति के प्रकोप की चपेट में आ गया है। रामबन ज़िले की राजगढ़ तहसील में शनिवार तड़के अचानक बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी। अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि पांच अन्य लोग लापता हैं।
प्रशासन और राहत टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं, बचाव कार्य जारी है। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि घटना के बाद से आसपास का इलाका बाढ़ की चपेट में है, जिससे घरों और संपत्तियों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। लोगों के घर उजड़ गए, गांव खामोश हो गए
राजगढ़ की तंग गलियों में अब सिर्फ मलबा और मायूसी पसरी है। तीन शव मलबे से निकाले जा चुके हैं, और लापता लोगों की तलाश जारी है। पीड़ितों के परिवारों को फौरी राहत देने के लिए प्रशासन जुटा है, लेकिन दुर्गम रास्ते और लगातार बारिश राहत कार्यों में बाधा बन रहे हैं।
जम्मू क्षेत्र में रेल सेवाएं ठप, यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं
बादल फटने और भारी बारिश का असर रेल यातायात पर भी बुरी तरह पड़ा है। जम्मू-कटरा और उधमपुर तक रेल सेवाएं पूरी तरह बंद हैं, और अब तक 46 ट्रेनों को रद्द किया जा चुका है।
रेलवे के पीआरओ के अनुसार, कठुआ और उधमपुर के बीच ट्रैक कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे यातायात बहाल करने में समय लगेगा। कुछ ट्रेनें बीच रास्ते से शुरू या खत्म की जा रही हैं, जिससे यात्री असमंजस में हैं। इससे पहले, 29 अगस्त को भी 40 ट्रेनें रद्द की गई थीं।
वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर त्रासदी, जांच के लिए समिति गठित
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन की जांच के आदेश दे दिए हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच समिति बनाई है, जिसकी अध्यक्षता जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव करेंगे। समिति को दो हफ्ते में रिपोर्ट सौंपनी है।
गौरतलब है कि मंगलवार को त्रिकुटा पहाड़ियों पर हुए भूस्खलन में 34 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि 20 से अधिक घायल हुए थे। यह हादसा श्रद्धालुओं के लिए न केवल एक भावनात्मक आघात है, बल्कि यात्रा सुरक्षा पर भी गहरे सवाल खड़े करता है।
अभी और बरसेगा कहर?
मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश जारी रहेगी, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं। राज्य प्रशासन ने जनता से अपील की है कि जरूरी न हो तो यात्रा से बचें, खासकर पहाड़ी इलाकों की ओर।