चौखुटिया के बाद रामनगर में सड़कों पर उतरे लोग, अस्पताल की बदहाली पर किया CMS का घेराव

RAMNAGAR

उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर इन दिनों चौतरफा विरोध देखने के लिए मिल रहा है। चौखुटिया के बाद अब रामनगर में भी लोग अस्पताल की बदहाली को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। विभिन्न संगठनों ने आज सीएमएस का घेराव किया।

चौखुटिया के बाद रामनगर में सड़कों पर उतरे लोग

रामनगर के स्व रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय की बदहाल व्यवस्था को लेकर स्थानीय संगठनों और जनप्रतिनिधियों का आक्रोश अब सड़कों पर दिखने लगा है। चौखुटिया की ही तरह रामनगर में भी लोगों ने अस्पताल की बदहाली को लेकर सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया।

अस्पताल की बदहाली पर किया CMS का घेराव

रामनगर में अस्पताल की अव्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव को लेकर शुक्रवार को राज्य आंदोलनकारी और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रभात ध्यानी के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों के लोगों ने अस्पताल परिसर में पहुंचकर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वी.के. टम्टा का घेराव किया। पिछले कई दिनों से अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं, मरीजों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलने से आम जनता में भारी नाराजगी है।

प्रदर्शनकारियों ने लगाए गंभीर आरोप 

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में न तो मरीजों के एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड हो पा रहे हैं और न ही आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं। राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने कहा कि अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी है। शाम होते ही ब्लड बैंक पर ताले लग जाते हैं। जिससे मरीजों को इमरजेंसी में बाहर का रुख करना पड़ता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी लापरवाही के कारण मरीजों को मजबूर होकर प्राइवेट अस्पतालों में महंगे इलाज के लिए जाना पड़ रहा है और गरीब मजदूर तो पैसों के अभाव में दम तोड़ रहे हैं।

रामनगर का सरकारी अस्पताल लापरवाही का उदाहरण 

राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने कहा कि रामनगर का सरकारी अस्पताल मरीजों के लिए नहीं, बल्कि प्रशासन की लापरवाही का उदाहरण बन गया है। यहां ना अल्ट्रासाउंड होता है ना एक्स-रे और ना ही डॉक्टर समय पर रहते हैं। अगर जल्द सुधार नहीं हुआ तो चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि इस मुद्दे को लेकर वे स्थानीय विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और जिलाधिकारी तक शिकायत पहुंचाएंगे।

अगर जल्द समाधान नहीं मिला तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। जबकि सीएमएस डॉ. वीके टम्टा ने लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि अस्पताल में वर्तमान में रेडियोलॉजिस्ट पिछले माह रिटायर हो गए थे, जिसके चलते अल्ट्रासाउंड की सुविधा अस्थायी रूप से बाधित है औरप अस्पताल में दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

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