चेन्नई: डीएमके सुप्रीमो एम करूणानिधि ने कहा है कि उनके बेटे स्टालिन ने पार्टी में नंबर दो की हैसियत प्राप्त करने के लिए मेहनत से काम किया. उनका यह बयान उनके मदुरै में रहने वाले परित्यकत बेटे अलागिरी के भविष्य में पार्टी का प्रमुख बनने की संभावना को लगभग खारिज करता है.
एक तमिल सप्ताहिक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में 92 साल के करूणानिधि ने कहा कि स्टालिन ने कुर्बानियां दी हैं जैसे कि आपातकाल के दौरान वह जेल गए थे.
एक सवाल पर उनकी प्रतिक्रिया पूछी गई थी कि व्यापक तौर पर बात की जा रही है और ऐसी उम्मीद है कि स्टालिन डीएमके के अगले अध्यक्ष हैं, तो करूणानिधि ने स्मरण किया कि उनके बेटे ने युवा उम्र में गोपालपुरम यूथ क्लब का संचालन शुरू किया था.
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बाद में स्टालिन आपातकाल के दौरान मीसा (आतंरिक सुरक्षा कानून) के तहत जेल भी गए थे. करूणानिधि ने आनंद विकेतन पत्रिका से कहा, ‘‘जेल के अपने दिनों से जहां उसने बहुत परेशानी का सामना किया था, उसने बहुत मेहनत की और खुद को (डीएमके के) भावी अध्यक्ष पद पर पहुंचाने के लिए व्यवस्थित तरीके से काम किया. इस पहलू से जाहिर तौर पर वह आज मेरा राजनीतिक वारिस है.’’
उनसे पूछा गया कि डीएमके से निष्कासित किए अलागिरी की गैरमौजूदगी को वह नुकसान के तौर पर देखते हैं तो करूणानिधि ने संकेत दिया कि जो लोग पार्टी में नहीं है उनके बारे में बात करने की कोई तुक नहीं है. इस बीच, एमके स्टालिन अपने पिता के बयान पर टिप्पणी करने से बचे. जब साक्षात्कार पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे कुछ नहीं कहना.’’