अब बिना रजिस्ट्रेशन योगा सेंटर चलाना पड़ेगा भारी, योग नीति के लाभ से होंगे वंचित — जानिए आवेदन प्रक्रिया !

आयुष विभाग ने अपणि सरकार पोर्टल पर योग केंद्रों का मुफ़्त पंजीकरण शुरू किया है। जून 2025 में मंजूर हुई योग नीति के तहत पंजीकृत केंद्रों को ही सरकारी योजनाओं और लाभ का फायदा मिलेगा।

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हरिद्वार: प्रदेश में लागू हुई नई योग नीति के तहत अब योग और वैलनेस सेंटरों का नियमितीकरण किया जाएगा। इसी क्रम में हरिद्वार में जिला आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। विभाग जिले भर में संचालित योग एवं वैलनेस सेंटरों से संपर्क साधकर उन्हें नीति की जानकारी दे रहा है। जल्द ही सभी योग केंद्रों को सरकार के पोर्टल पर रजिस्टर्ड किया जाएगा, जिसके बाद ये केंद्र नियम-कायदों के दायरे में आ जाएंगे। अभी तक बिना किसी रेगुलेशन के ये सेंटर अनियोजित तरीके से चल रहे थे। सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को योग और वैलनेस का हब बनाना और इस क्षेत्र में नए रोजगार सृजित करना है।

आयुष विभाग ने अपणि सरकार पोर्टल पर योग केंद्रों का मुफ़्त पंजीकरण शुरू कर दिया है। जून 2025 में मंजूर हुई योग नीति में पर्वतीय क्षेत्रों में योग व ध्यान केंद्र स्थापित करने पर 50% या अधिकतम 20 लाख रुपये और मैदानी क्षेत्रों में 25% या अधिकतम 10 लाख रुपये की सब्सिडी का प्रावधान है।

आयुष सचिव दीपेंद्र चौधरी ने स्पष्ट किया कि बिना पंजीकरण योग केंद्रों को कोई वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। आगे चलकर योग केंद्रों को गुणवत्ता सेवाओं के आधार पर स्टार रेटिंग दी जाएगी, जिससे उन्हें और अधिक फायदा होगा।

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