महंगाई को लगा ब्रेक ! मार्च में थोक महंगाई 4 महीने के निचले स्तर पर आई…

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को मार्च 2025 के लिए थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के ताजा आंकड़े जारी किए हैं। इसके अनुसार, मार्च में थोक महंगाई दर घटकर 2.05 फीसदी रही, जो फरवरी में 2.38 फीसदी और जनवरी में 2.31 फीसदी थी। यह गिरावट मुख्य रूप से पेट्रोलियम, बिजली और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी के चलते देखने को मिली है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च में महंगाई की सकारात्मक दर का श्रेय खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्मित वस्तुएं, बिजली और कपड़ा उद्योग की कीमतों में हुई बढ़ोतरी को दिया गया है। वहीं, कोर महंगाई दर फरवरी के 1.30 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 1.5 फीसदी पर पहुंच गई।

किन उत्पादों की कीमतों में आई गिरावट?

मार्च 2025 में फरवरी की तुलना में कई प्रमुख वस्तुओं की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई:

  • कच्चा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस: -2.42%
  • गैर-खाद्य वस्तुएं: -2.40%
  • खाद्य वस्तुएं: -0.72%
  • बिजली: -2.31%
  • खनिज तेल: -0.70%

इसके विपरीत, खनिजों की कीमतों में 0.31% की मामूली बढ़ोतरी देखी गई।

विनिर्मित उत्पादों में मिला मिश्रित संकेत

राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (NIC) के अंतर्गत आने वाले 22 दो-अंकीय विनिर्माण समूहों में से:

  • 16 समूहों में कीमतों में बढ़ोतरी,
  • 5 समूहों में गिरावट,
  • और 1 समूह में कोई बदलाव नहीं देखा गया।

क्या होता है WPI?

थोक मूल्य सूचकांक (WPI) थोक व्यापार में कारोबार की गई वस्तुओं की कीमतों में बदलाव को मापता है। यह फैक्ट्री गेट पर कीमतों को ट्रैक करता है, जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आम उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को मापता है।

WPI को तीन मुख्य समूहों में बांटा गया है:

  1. प्राथमिक वस्तुएं (खाद्य और गैर-खाद्य)
  2. ईंधन और बिजली
  3. विनिर्मित उत्पाद

WPI के लिए आधार वर्ष 2011-12 तय किया गया है।

 

 

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