नैनीताल : नैनीताल हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिले की तहसील कांडा के कई गांवों में खड़िया खनन से आई दरारों के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका की सुनवाई की। कोर्ट ने खनन गतिविधियों पर रोक जारी रखते हुए 160 खनन पट्टे धारकों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब दाखिल करने को कहा है।
सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने अवैध खनन से प्रभावित ग्रामीणों के नुकसान का मुआवजा सरकार द्वारा देने के मुद्दे पर कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि यह मुआवजा अवैध खनन करने वालों से वसूल किया जाना चाहिए, न कि सरकारी खजाने से।
वर्चुअली सुनवाई के दौरान बागेश्वर के पुलिस अधीक्षक ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर अवैध खनन में संलिप्त 124 पोकलैंड और जेसीबी मशीनों को सीज कर दिया गया है।
इस मामले में क्षेत्र के ग्रामीणों ने कुछ दस्तावेज और शिकायती पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किए, जिनमें दावा किया गया कि खनन पट्टेधारकों ने उनसे खड़िया खनन की अनुमति (एनओसी) नहीं ली थी, बल्कि फर्जी तरीके से उनकी एनओसी तैयार कर ली गई थी।
कोर्ट ने इस गंभीर मामले में बागेश्वर जिले के प्रशासन, पुलिस और खनन विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। अगली सुनवाई की तिथि 14 फरवरी 2025 निर्धारित की गई है।