देहरादून: उत्तराखंड में तबादला सत्र की शुरुआत के साथ ही सिफारिशों का दौर फिर शुरू हो गया है। सरकारी विभागों में अधिकारी और कर्मचारी तबादले रुकवाने के लिए मंत्रियों और अन्य प्रभावशाली लोगों से सिफारिशें करवा रहे हैं। इससे शासन और प्रशासनिक व्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है।
लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) में सबसे अधिक दबाव देखने को मिल रहा है। इस अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेते हुए शासन ने सख्त रुख अपनाया है। लोनिवि के अपर सचिव विनीत कुमार ने विभागीय प्रमुख अभियंता को निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी प्रकार की सिफारिश उत्तराखंड राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन मानी जाएगी और संबंधित कर्मी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
आदेश में वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 की धारा 24 और 24(क) का हवाला देते हुए स्पष्ट किया गया है कि तबादला रुकवाने हेतु सिफारिश नियमों के विरुद्ध है।
सूत्रों के अनुसार, कुछ अधिकारी अपने रिश्तेदारों से पत्र लिखवाकर या सीधे मंत्रियों से फोन करवा कर सिफारिशें करवा रहे हैं। शासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी सिफारिश करवाता पाया गया, तो इसे उसकी सहमति माना जाएगा और नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।