देहरादून: उत्तराखंड राज्य की सामरिक संवेदनशीलता को देखते हुए प्रदेश सरकार अब सिविल डिफेंस का विस्तार अन्य जनपदों तक करने जा रही है। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सोमवार को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, सेना और अर्धसैनिक बलों के प्रतिनिधियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि अभी केवल देहरादून को सिविल डिफेंस जनपद के रूप में अधिसूचित किया गया है, जबकि राज्य के अन्य सीमावर्ती और संवेदनशील क्षेत्रों को भी चिन्हित कर इस योजना के अंतर्गत लाया जाएगा। इसके लिए गृह विभाग को त्वरित प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा गया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि आपदाओं से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए विभिन्न विभागों — जैसे आपदा प्रबंधन, पुलिस, स्वास्थ्य, अग्निशमन, परिवहन, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, आईटीबीपी आदि के बीच सशक्त समन्वय आवश्यक है। उन्होंने वर्ष में कम से कम तीन अंतर-विभागीय बैठकें आयोजित करने और सभी प्रमुख अधिकारियों के लिए एक समर्पित व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) को आपदाओं के दौरान मुख्य कंट्रोल रूम बनाया जाए और सभी विभाग अपने कंट्रोल रूम की सूचनाएं नियमित रूप से SEOC से साझा करें। सिविल डिफेंस का नियंत्रण कक्ष भी SEOC में स्थापित किया जाएगा, जहां सेना के हॉटलाइन नंबर एकीकृत किए जाएंगे।
संचार, साइबर सुरक्षा और फेक न्यूज पर भी विशेष जोर
मुख्य सचिव ने आईटी विभाग को साइबर वॉरफेयर की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अलर्ट रहने और उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और भ्रामक सूचनाओं के प्रति सतर्क रहते हुए, उन्होंने सूचना एवं पुलिस विभाग को वैधानिक कार्रवाई के निर्देश दिए।
फायर हाइड्रेंट्स, हेलीपैड और संसाधनों की स्थिति पर नजर
प्रदेश में स्थापित फायर हाइड्रेंट्स की स्थिति की समीक्षा और आवश्यकता अनुसार नए हाइड्रेंट्स की स्थापना के निर्देश भी बैठक में दिए गए। उन्होंने प्रदेश के हेलीपैड्स और छोटे एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था का ऑडिट कर पुलिस बल में नई नियुक्तियों पर भी बल दिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा की किसी भी स्थिति में आम नागरिकों की जागरूकता और सहभागिता बेहद जरूरी है। इसके लिए SOP और एडवाइजरी जारी की जाएंगी। ब्लैकआउट या अलर्ट सायरन बजने की स्थिति में जनता को क्या करना है, इस पर भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। साथ ही समय-समय पर मॉक ड्रिल्स आयोजित की जाएंगी