नई दिल्ली — पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ी तनातनी के बीच भारत ने अपनी समुद्री ताकत को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। भारत और फ्रांस के बीच लगभग 64,000 करोड़ रुपये की लागत से राफेल मरीन विमानों की डील फाइनल हो गई है। इस समझौते के तहत फ्रांस भारत को 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमान प्रदान करेगा।
इस अंतर-सरकारी समझौते पर सोमवार को डिजिटल माध्यम से आयोजित एक समारोह में हस्ताक्षर किए गए। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। रक्षा सौदे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की मंजूरी के लगभग तीन सप्ताह बाद यह डील पक्की हुई है।
भारत यह विमान अपने स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर तैनाती के लिए खरीद रहा है। राफेल मरीन विमान फ्रांसीसी रक्षा कंपनी दसॉ एविएशन द्वारा निर्मित हैं। डील के अनुसार, अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के करीब पांच साल बाद भारत को इन विमानों की आपूर्ति शुरू होगी।
गौरतलब है कि जुलाई 2023 में रक्षा मंत्रालय ने कई चरणों के परीक्षणों और विचार-विमर्श के बाद इस अधिग्रहण को प्रारंभिक मंजूरी दी थी। इस सौदे में लड़ाकू विमानों के साथ-साथ हथियार प्रणालियां, कलपुर्जे और अन्य आवश्यक सहायक उपकरण भी शामिल हैं, जो भारतीय नौसेना की ताकत में महत्वपूर्ण इजाफा करेंगे।