रामनगर- कॉर्बेट नेशनल पार्क में वीआईपी ट्रीटमेंट की कोशिश अब बेकार साबित होने वाली है। पार्क प्रशासन ने स्पष्ट आदेश जारी कर दिए हैं कि अब राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत देश के चंद वीवीआईपी को ही पार्क में विशेष दर्जा दिया जाएगा, बाकी किसी की भी सिफारिश को नहीं सुना जाएगा। कॉर्बेट नेशनल पार्क के प्रभारी निदेशक संजीव चतुर्वेदी ने तो यह तक कहा कि कोई वीआईपी ट्रीटमेंट मांगता है तो उसकी शिकायत उसके विभाग के उच्चाधिकारी से की जाएगी। संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि नेशनल पार्क में वीआईपी कल्चर को समाप्त करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में यहां जो संस्कृति विकसित हुई है, उसके तहत विभिन्न विभागों के मंत्री, अधिकारी और न्यायपालिका के लोग अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हैं। इसके चलते यहां की सफारी और रात्रि विश्राम में कई परमिट और सुविधाएं इन्हें निशुल्क दी जाती रही हैं। कॉर्बेट प्रशासन ने अब इसे रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं। कॉर्बेट नेशनल पार्क के प्रभारी निदेशक ने यह भी बताया कि देश के कुछ अति विशिष्ट लोगों को पार्क में वीआईपी ट्रीटमेंट मिलता रहेगा। ये वे लोग हैं जिनके नाम राज्य अतिथि के रूप में भी शामिल होते हैं। इनकी सूची है…
देश के राष्ट्रपति
देश के उपराष्ट्रपति
देश के प्रधानमंत्री
लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष
लोकसभा और राज्यसभा के उपाध्यक्ष
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश
तीनों सेनाओं के अध्यक्ष
वित्त आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
इनके अलावा कॉर्बेट नेशनल पार्क में अब किसी को भी वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा। संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि यदि कोई भी अपने पद का दुरुपयोग कर सुविधाएं मांगता है। सरकारी लेटरपैड पर अपने लिए या अपने परिचितों के लिए सुविधाएं दिए जाने की बात लिखता है तो न सिर्फ उस आग्रह को अस्वीकार किया जाएगा, बल्कि आग्रह करने वाले की शिकायत उसके उच्चाधिकारी से की जाएगी।


