विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहली बार भारत में जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि की है। गुजरात के अहमदाबाद शहर में एक गर्भवती महिला समेत तीन लोग इस घातक संक्रमण के शिकार पाए गए हैं।
जीका वायरस का कोई इलाज नहीं है, इससे बचने का एकमात्र विकल्प इसके जोखिम को कम करना है। इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारी कीट नाशकों का उपयोग, पूरी बाजू के कपड़े जिससे शरीर कवर हो और खिड़कियों और दरवाजों को बंद करने की सलाह देते हैं। इसके साथ ही उनका कहना है कि ऐसे मच्छर रूके पानी में अपने अंडे देते हैं इसलिए पानी को इकट्ठा होने से रोकें। इसके अलावा यूएस सेंट्रर ऑफ डिजीज कंट्रोल गर्भवती महिलाओं को प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा न करने की सलाह देते हैं।
इसके लक्षणों का पता संक्रमित मच्छर के काटने के दस दिन बाद पता चलता है। सबसे जरूरी है कि आराम करें और जल्द डाक्टर की सलाह लें। हैल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि बिस्तर में पड़े रहना चाहिए और खूब सारा पानी पीना चाहिए।
शरीर में दर्द होने पर पैरासिटामॉल या एसिटीमिनोफेन लिया जा सकता है। अपने आसपास सफाई रखें और गंदा पानी जमा न होने दें। यह ऐसा वायरस है जो धीरे-धीरे दुनिया को अपनी चपेट में लेता जा रहा है।