प्रदेश में महिलाओ ने शराबबंदी की मांग को लेकर मोर्चा खोला हुआ है वैसे तो प्रदेश कांग्रेस के नेतागण भी शराबबंदी के समर्थन में आ रहे है लेकिन कांग्रेस के ही एक नेता जिनका नाम धीरेन्द्र प्रताप हैं उनका स्टैंड अपनी पार्टी से अलग है ।
धीरेन्द्र प्रताप ने उत्तराखंड में सीमित शराबबंदी की वकालत की है जिससे एक नया विवाद हो गया है। और अब तो इन नेता साहब ने एक ऐसा ब्यान दिया है जिसको किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है, धीरेन्द्र प्रताप ने कहा हैं की देवताओं को शराब चढ़ाई जा सकती है तो फिर शराब का इतना विरोध क्यों हो रहा है।
उनके अनुसार वह व्यक्तिगत रुप से शराबबंदी के पक्ष में नहीं है और उनका कहना है कि सरकार को जनभावनाओं के अनुरुप निर्णय लेना चाहिए। वह बोले जो शहरों में लोग पी रहे हैं उनको पीने दो, उनको परेशान नहीं करना चाहिए ।
हद तो तब हुई जब कांग्रेस के इन नेता ने कहा कि हमारे यहां तो शास्त्रों में शराब की बात की गई है। भगवान शंकर से लेकर भैरो बाबा तक तो भी शराब चढाई जाती है, और ऐसा करने से ही करने से ही बाबा भी प्रसन्न होते हैं।
वैसे नेताओ को जन भावनाओ ने अनुरूप ही काम करना चाहिए, और उनको यह भी नहीं भूलना चाहिए की राजनीती में बयानबाजी भी जनता की भावनाओ को ध्यान में रखकर ही की जानी चाहिए ।