जानिए क्यों फैलाई गयी थी, बाबा रामदेव के एक्सीडेंट और मौत की झूठी खबर !

कल शाम को ही सोशल मीडिया पर योग गुरु बाबा रामदेव की एक्सीडेंट खबर से हड़कंप मच गया। बाबा के भक्त खबर सुन का परेशान थे की अचानक ऐसा कैसे हो गया, सोशल मीडिया पर कुछ ही समय में खबर आग की तरह फ़ैल गयी…. एक के बाद एक वेबसाइट में खबर लगा दी … बस फिर क्या था शाम होते होते सभी लोग यही चर्चा कर रहे थे फिर कुछ समय बाद जांच हुई तो पता चला कि कुछ शरारती तत्वों ने बाबा रामदेव की कुछ पुरानी तस्वीरों और बिहार में हुए एक एक्सीडेंट की तस्वीरों को जोड़कर योग गुरु बाबा रामदेव के एक्सीडेंट की खबर फैला दी। 

इसके बाद पतंजलि प्रवक्ता एसके तिजारावाला भी मीडिया के सामने आये और बताया कि सोशल मीडिया पर किसी शरारती तत्वों ने बिहार में हुए एक्सीडेंट और वर्ष 2011 में पतंजलि से जौलीग्रांट हॉस्पिटल ले जाते वक्त कि योगगुरु बाबा रामदेव की तस्वीरों को जोड़कर इस तरह की अफवाह फैलाई। उन्होंने कहां की योग गुरु बाबा रामदेव पूर्ण रूप से स्वस्थ व सुरक्षित हैं।

अब सवाल यह है की आखिर ऐसा किया क्यों गया और क्यों झूठी खबर फैलाई गयी… हम बताते है …

इन दिनों इन्टरनेट पर एक शब्द चल रहा है जिसे लोग वायरल कहते है …. abp न्यूज़ पर तो कार्यक्रम भी आ रहा  है वायरल सच …. तो यह वायरल है क्या ?

वायरल वह खबर विडियो या कोई फोटो है जिसे लोग ज्यादा से ज्यादा शेयर करते है … और अगर खबर किसी बड़ी हस्ती से जुडी हो तो फिर बात ही क्या … इससे फायदा यह होता है की खबर को पहली बार जिसने प्रकाशित किया होता है वह मशहूर हो जाता है या फिर यूं कहे की अगर वह वेबसाइट है तो उसको एक ही दिन में इतने लोग पढ़ते है की वेबसाइट की रैंकिंग कुछ देर में बढ़ जाती है और वह मशहूर वेब साईट की सूची में जगह बना लेती है बस यही पाने के लिए कुछ खुराफाती वेबमास्टर इस तरह के हथकंडे अपनाते है और ऐसा ही मकसद बाबा रामदेव की झूठी खबर फ़ैलाने के पीछे था.

इसलिए विज़न 2020 आपसे सभी से निवेदन करता है कि इन्टरनेट या व्हात्सप्प पर मिली कोई भी जानकारी को बिना जांच किये आगे शेयर न करे.

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