नयी दिल्ली: सालों से विक्रम-वेताल की कहानियां युवाओं और बूढ़ों सभी को लुभाती आई हैं और अब एक नई किताब कुटिल वेताल द्वारा राजा विक्रमादित्य को सुनाई जाने वाली साहस, प्रेम और सम्मान की अदभुत कथाओं के साथ बच्चों के लिए एक बार सामने आ रही है.
वेताल की इन कहानियों में उलझन में डाल देनी वाली पहेलियां खास तौर पर रोमांचक होती हैं.
दीपा अग्रवाल ने शिवदास की प्राचीन कथाओं को ‘लिसन, ओ किंग, फाइव एंड ट्वेंटी टेल्स ऑफ विक्रम एंड द वेताल’ में बच्चों के लिए एक बार फिर से बयां किया है.
पफिन बुक्स द्वारा प्रकाशित इस किताब में मारे जा चुके अपने प्रियजन को वापस ले आने वाले योगी, जीवन अमृत लाने के लिए पाताल की यात्रा करने वाले बड़े पक्षी, अपने मालिक के लिए जान दे देने वाले नौकर की कहानी समेत कई कहानियां हैं.
विक्रमादित्य की पीठ पर सवार होकर घूमने वाले वेताल राजा को अदभुत कहानियां सुनाता था और फिर बेहद उलझा देने वाली पहेलियां पूछता था. ये पहेलियां राजा को पूरी तरह हैरान कर देती थीं. ऐसे में वेताल का अकसर सुना जाने वाला संवाद यही होता था, ‘‘यदि तुम जवाब जानने के बाद भी नहीं बताओगे तो तुम्हारा सिर टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा.’’ अग्रवाल ने कहा कि उनकी किताब का उद्देश्य उन कहानियों को बच्चों की कल्पनाओं की कथाओं में जगह देना है, जिन्हें पूर्व में व्यस्क दर्शकों के लिए लिखा गया था.